महाराष्ट्र के किसानों पर इस साल प्रकृति की बड़ी मार पड़ी है. खरीफ सीजन के दौरान राज्य के कई जिलों ने सूखे का सामना किया था. मॉनसून की बेरुखी के कारण न सिर्फ फसलों की बुवाई में देरी हुई बल्कि सूखा पड़ने के कारण उत्पादन में भारी गिरावट आई है. खरीफ सीजन में मौसम की चोट से किसान उबरे भी नहीं थे कि रबी सीजन में भी उनका सूखे से सामना होने लगा है. दूसरी ओर, राज्य के किसान सरकार की वादाखिलाफी और बेरुखी से भी पीड़ित हैं. अभी तक पिछले सीजन में सूखे से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिला है. जिसे लेकर सूखा प्रभावित लातूर में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है. फिलहाल, विदर्भ और मराठवाड़ा के अधिकांश जिले भयंकर सूखे की चपेट में हैं, जिससे खेती-किसानी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
रबी सीजन की बुवाई के दौरान मौसम किसानों के खिलाफ बना हुआ है. बारिश हो नहीं रही है. जिससे जमीन में नमी नहीं है. अगर खेत में पर्याप्त नमी नहीं रहेगी तो बीजों में अंकुरण नहीं होगा. इसलिए बुवाई में देरी हो रही है. मौसम विभाग की रिपोर्ट हैरान करने वाली है. राज्य के कई जिले सूखे की चपेट में है. राज्य सरकार किसानों को तुरंत कोई राहत देने की बजाय वादा पर वादा किए जा रही है. लेकिन सवाल यह है कि जब अभी तक खरीफ सीजन में हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिला तो इस सीजन के नुकसान की राहत कब मिलेगी, इसका पता नहीं है.
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मौसम विभाग ने एक अक्टूबर से 17 नवंबर तक हुई बारिश की रिपोर्ट जारी की है. इसमें बताया गया कि पालघर में सामान्य से 89 प्रतिशत, थाणे में 60, अहमदनगर में 92, धुले में 96, जलगांव में 99, कोल्हापुर में 73, नंदूरबार में 100, नासिक में 81 और सांगली में 67 फीसदी कम बारिश हुई है. इसी तरह मराठवाड़ा रीजन में सामान्य से 89 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.
मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड़ जिले में सामान्य से 93, छत्रपति संभाजीनगर में 98, धाराशिव में 77, हिंगोली में 98, जालना में 100, नांदेड़ में 97 और परभणी में 99 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. यह सामान्य से बहुत कम बारिश है. अब किसान इस असमंजस में हैं कि वो बारिश के अभाव में फसलों की बुवाई करें तो कैसे करें.
महाराष्ट्र भीषण सूखे की ओर बढ़ रहा है. विदर्भ रीजन के तहत आने वाले सभी 11 जिलों में भयंकर सूखा है. इनमें सामान्य से 99 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है. किसान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. इस रीजन में सामान्य से 92 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जिलेवार बात करें तो अकोला में 97, अमरावती में 88, भंडारा में 90, बुलढाना में 99, चंद्रपुर में 94, गढ़चिरौली में 89, गोंदिया में 78, नागपुर में 84, वर्धा में 90, वाशिम में 97 और यवतमाल में 95 फीसदी कम बारिश हुई है.
राज्य में कम और अनियमित बारिश को देखते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने खरीफ सीजन के लिए पहले चरण में 40 तहसीलों में सूखा घोषित करने को मंजूरी प्रदान की है. सरकार सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र से अनुरोध करेगी. सूखा प्रभावित 15 जिलों के 24 तालुका में सूखे की स्थिति गंभीर है, जबकि 16 तालुका में मध्यम सूखे की स्थिति है बताई गई है. सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि से संबंधित कर्ज वसूली को स्थगित किया जाएगा. स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों की परीक्षा फीस माफ की जाएगी और कृषि पंप के कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे. देखना यह है कि राज्य सरकार रबी सीजन के लिए सूखे की घोषणा कब करेगी. क्योंकि इस बार हालात खरीफ सीजन से भी खराब हैं.
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