भारत में नवंबर महीने की शुरुआत कई राज्यों में तापमान में गिरावट के साथ हुई. मौसम पूवानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, दक्षिण भारत के कई राज्यों में पूरे नवंबर बारिश की संभावना है. वहीं, उत्तर भारत में ज्यादा ठंड का अनुमान नहीं है. काफी लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर में मौसम एकदम साफ था और दिन में तेज धूप खिल रही थी. हालांकि, प्रदूषण की वजह से धुंध देखने को मिल रही है. वहीं, अब भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यहां मौसम में बदलाव की जानकारी दी है.
आईएमडी मुताबिक, आज दिल्ली-एनसीआर में उथला कोहरा छाया रहेगा. पूर्वानुमान के अनुसार, यहां पूरे हफ्ते उथला कोहरा और कुहासा छाया रहेगा. इस दौरान पूरे हफ्ते यहां न्यूनतम तापमान 17 से 18 डिग्री सेल्सियस रहेगा और अधिकतम तापमान 32 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. दिल्ली में आज हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है.
दिल्ली के कई इलाकों में AQI 300 से 400 के बीच दर्ज किया गया. प्रदूषण की वजह से अक्षरधाम, इंडिया गेट समेत कई इलाकों में धुंध की परत दिखाई दे रही है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, बीती शाम 3 नवंबर से दिल्ली में हवा की गति धीमी होने और दिशा बदलने से यहां स्थानीय प्रदूषण बढ़ने का खतरा है, जिससे हवा की क्वालिटी और खराब हो सकती है और लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
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आंचलिक विज्ञान केंद्र लखनऊ के मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक आज पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा. वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर हल्की बारिश के आसार हैं. इसके अलावा दोनों भागों में सुबह के समय धुंध और उथला कोहरा छाए रहने की संभावना है.
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में इस सप्ताह सर्दी बढ़ने की संभावना है. वहीं, पंजाब, हरियाणा में 15 नवंबर के बाद से हल्की ठंड शुरू होने का अनुमान है. बिहार और झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 15 से 20 नवंबर के बाद सर्दी की शुरुआत होने की संभावना है.
वहीं, देश के दक्षिण भाग में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल समेत कई जगहों परपूरे महीने कई बार बारिश होने की संभावना बन रही है. वहीं उत्तर भारत में दिन में ज्यादा तापमान गेहूं किसानों की परेशानी का कारण बन रहा है. अभी दिन में अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच जा रहा है, जिसके चलते किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर रहे हैं.
कृषि एक्सपर्ट की मानें तो पुराने समय में लोग गेहूं की बुआई के हल्की ठंड का इंतजार करते थे. इससे गेहूं के जर्मिनेशन में परेशानी नहीं आती है. यही वजह है कि अब किसान अधिक तापमान के कारण गेहूं की बुआई करने से बच रहे हैं और मौसम के ठंडे होने का इंतजार कर रहे हैं.