झारखंड में गुरुवार को कई इलाकों में मौसम ने अचानक पलटी मारी. कई जगहों पर ओलावृष्टि ने आम जनजीवन से लेकर खेती-बाड़ी को प्रभावित किया. बदले मौसम के बीच पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड के टोकलो में ग्रामीणों ने ओलावृष्टि का मजा लिया है. टोकलो में अचानक हुई बर्फबारी से इस पूरे इलाके का तापमान अचानक से गिर गया. ओलावृष्टि के कारण अब यहां तेज सर्द हवाएं चल रही हैं. अचानक हुए मौसम के इस बदलाव से ग्रामीण परेशान भी नजर आ रहे हैं.
गुरुवार को पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड के टोकलो में घनघोर काले बादल छाने के बाद जब यहां बारिश और ओलावृष्टि हुई तो उसे देख कर ग्रामीण आश्चर्य में पड़ गए. पहले ऐसा कोई अनुमान नहीं था. लेकिन अचानक ओला और बारिश शुरू हो गई. तकरीबन एक घंटे तक यहां जमकर ओलावृष्टि हुई.
ओलावृष्टि के कारण जगह-जगह टोकलो में बर्फ की चादर बिछ गई. ग्रामीण बर्फ को हटाने की कवायद में लगे दिखाई दिए. तकरीबन एक से डेढ़ इंच के बर्फ के टुकड़े बारिश बनकर टोकलो में गिरे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सुबह से ही यहां काले बादल छाए हुए हैं.
जब बारिश के साथ छत पर पत्थर बरसने जैसी आवाज आई तो लोग डर गए. लेकिन जब बाहर निकल कर देखा तो बारिश की बूंदों के बीच बर्फ के बड़े टुकड़े भी गिर रहे थे. काफी देर तक यहां बर्फ की बारिश हुई है. जिससे जगह-जगह बर्फ की चादर देखने को मिली. खेत से लेकर सड़क तक और घरों की छत पर भी बर्फ ही बर्फ नजर आ रही थी. ग्रामीणों ने बताया है कि अचानक हुई ओलावृष्टि से कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है. सब्जी के बागान भी नष्ट हुए हैं. इन सबके बीच बर्फबारी से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
बहरहाल, जिस तरह से मौसम ने करवट बदली है और तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है. उससे अन्य इलाकों में भी सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग की मानें तो इस बारिश के साथ ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी जा रही है. ओलावृष्टि में बर्फ के टुकड़े बड़े हुए तो जानमाल का भारी नुकसान भी हो सकता है. इसलिए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों से बारिश के दौरान सुरक्षित जगहों पर रहने की अपील की है.
अचानक बारिश से सिंहभूम जिले की सब्जी फसलों को नुकसान पहुंचा है. वैसे तो यह पूरा इलाका धान की खेती के लिए जाना जाता है. मगर अभी धान का सीजन नहीं है. किसानों ने सब्जी फसलों की खेती की है. ओलावृष्टि से सब्जियों का भारी नुकसान बताया जा रहा है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि आजीविका का साधन तहस-नहस हो गया है.(जय कुमार का इनपुट)