देशभर में बीते कई दिनों से सामान्य से अधिक तापमान बना हुआ है. यह स्थिति अभी अगले कई दिनों तक जारी रहने वाली है. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ देखा गया है. वहीं, एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ निचले क्षोभमंडलीय स्तर पर एक गर्त के रूप में देखा गया. इसके अलावा एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर दक्षिण पाकिस्तान और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर मौजूदा है, जिनके चलते आज गुरुवार को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश में गरज और बिजली के साथ छिटपुट से लेकर हल्की या मध्यम बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. 21-23 फरवरी के दौरान अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है.
मौसम विभाग ने आज उत्तराखंड में गरज और बिजली के साथ अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना जताई है. इसके अलावा ओडिशा, झारखंड, और गांगेय पश्चिम बंगाल क्षेत्र में भी ओलावृष्टि की आशंका है. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ आंधी और बिजली के साथ छिटपुट से लेकर मध्यम बारिश की संभावना है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी बारिश की स्थिति बन रही है. 22 फरवरी को विदर्भ में अलग-अलग जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है. 20-22 फरवरी के दौरान छत्तीसगढ़ में बादल बरस सकते हैं.
दिल्ली के मौसम की बात करें तो यहां सामान्य रूप से बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश और बूंदाबांदी की संभावना है. बीते कई दिनों के मुकाबले आज अधिकतम तापमान में गिरावट का अुनमान है, जो 25 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस हो सकता है. बीते दिन न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री और अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. आज दिल्ली में नई सरकार का शपथग्रहण समारोह भी है. ऐसे में कार्यक्रम बारिश से धुलने की आशंका है. बीजेपी समेत कई पार्टियों के दिग्गज नेता इस शपथ में शामिल होंगे.
मौसम विभाग ने भारी वर्षा और बर्फबारी को लेकर जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगिट-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में बिजली आपूर्ति बाधित होने, भूस्खलन, चट्टानें गिरने और मिट्टी धंसना, सड़कों, हाईवे, पुलों और नालों के जाम होने और बह जाने की आशंका जताई है. कच्चे और असुरक्षित घरों-मकानों आदि को नुकसान पहुंच सकता है.
आईएमडी ने इसके लिए सड़क के अंडरपास, जल निकासी खाई, निचले इलाकों और पानी इकट्ठा होने वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि अप्रत्याशित रूप से बाढ़ या ओवरफ्लो हो सकता है. साथ ही बिजली लाइनों या बिजली के तारों से दूर रहने की सलाह दी है. वहीं, भारी बारिश के दौरान कच्चे घरों में न रहने को भी कहा है, क्योंकि वे कभी भी गिर सकते हैं.
इसके अलावा किसानों के लिए सलाह जारी करते हुए एग्रोमेट ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में गेहूं, सरसों, दालों, अन्य खड़ी फसलों, सब्जियों और बागवानी फसलों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें ताकि पानी का ठहराव न हो. परिपक्व फसलों की कटाई करें और कटी हुई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें. बागवानी फसलों को यांत्रिक सहायता प्रदान करें और सब्जियों को सहारा दें.
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