भारत में इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा. यानी बारिश न ज्यादा होगी, न कम. यह जानकारी दक्षिण कोरिया के APEC क्लाइमेट सेंटर (APCC) ने दी है. एपीसीसी ने कहा है कि इस साल भारत में दक्षिण पश्चिम मॉनसून में सामान्य बारिश दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही ला-नीना को लेकर जो सस्पेंस बना हुआ था. उसे लेकर भी कोरियाई एजेंसी ने स्पष्ट कर दिया है. एजेंसी ने भारत में न्यूट्रल परिस्थितियां बनने की संभावना जताई है. इसमें कहा गया है कि भारत में न तो अल-नीनो होगा, और न ही ला-नीना. इस न्यूट्रल स्थिति में भारत में सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है.
दक्षिण कोरियाई क्लाइमेट सेंटर ने दो स्थितियों पर फोकस किया है. पहली, जून से सितंबर के मॉनसून के बीच भारत के किसी भी हिस्से में बारिश की कमी के संकेत नहीं मिल रहे हैं. दूसरी स्थित ये है कि उत्तर पूर्व भारत में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो उत्तर-पूर्व के लिए यह अच्छा संकेत है क्योंकि इस इलाके में बारिश कम दर्ज की जा रही है.
एपीईसी क्लाइमेट सेंटर ने भारत में प्री-मॉनसून को लेकर भी जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि मार्च से मई के बीच सामान्य से अधिक तापमान रहने की अधिक संभावना है, सिवाय केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और रायलसीमा के. इन इलाकों में बाकी जगहों से कम गर्मी रह सकती है. इन क्षेत्रों में प्री-मॉनसून की बारिश सामान्य से अधिक दर्ज की जा सकती है. इसके अलावा पश्चिमी तटीय इलाके जैसे केरल और तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, साथ ही आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में सामान्य से अधिक बारिश रह सकती है.
कोरियाई एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि मॉनसून के शुरुआती तीन महीने (जून से अगस्त) में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. सिवाय दक्षिण के कुछ राज्यों और गुजरात-पश्चिम राजस्थान के बेल्ट में जहां सामान्य बारिश हो सकती है. इस बार देश के किसी भी इलाके में कम बारिश के आसार नहीं हैं. हालांकि सितंबर यानी मॉनसून के अंतिम महीने के लिए अभी कोई पूर्वानुमान नहीं है.
मार्च में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य बारिश होगी. सिवाय केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों को छोड़कर. इन हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश रह सकती है. साथ ही, उत्तर पश्चिम भारत के राज्य गुजरात, राजस्थान और पंजाब बेल्ट में सामान्य से कम बारिश रह सकती है. यह मार्च महीने का पूर्वानुमान है. भारत में जुलाई को सबसे अधिक बारिश का महीना माना जाता है. हालांकि पूरे देश में जुलाई महीने में सामान्य बारिश रहने की संभावना जताई गई है.
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