19 सितंबर तक बिहार के सभी जिलों में बारिश जारी, फिर भी मॉनसून सामान्य से 31% कम

19 सितंबर तक बिहार के सभी जिलों में बारिश जारी, फिर भी मॉनसून सामान्य से 31% कम

मॉनसून सीजन समाप्ति की ओर, लेकिन अभी भी सामान्य से 31% कम बारिश. 22 सितंबर तक राज्य के अधिकांश जिलों में भारी से अति भारी और हल्की बारिश होने की संभावना.

अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Sep 17, 2025,
  • Updated Sep 17, 2025, 12:59 PM IST

बिहार में मॉनसून सीजन अपने अंतिम चरण में है, लेकिन राज्य में मॉनसून की बारिश अब तक सामान्य से 31% कम दर्ज की गई है. मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, 19 सितंबर 2025 तक राज्य के सभी जिलों में हल्की से भारी बारिश होने की संभावना है. इसके बावजूद, अब तक केवल 592 मिमी बारिश हुई है जबकि सामान्य औसत 858 मिमी होनी चाहिए थी.

22 सितंबर तक जारी रहेगा बारिश का असर

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 22 सितंबर तक राज्य के उत्तर बिहार, दक्षिण बिहार, और मगध क्षेत्र के कई जिलों में मूसलाधार बारिश और तेज हवा के साथ वज्रपात हो सकते हैं. इसके लिए 36 जिलों में येलो अलर्ट और 2 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

कहां होगी भारी बारिश?

  1. विशेष रूप से जिन जिलों में 19 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना है, उनमें शामिल हैं:
  2. उत्तर बिहार: सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार
  3. उत्तर मध्य: सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर
  4. पश्चिम बिहार: पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण
  5. दक्षिण बिहार: पटना, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल

किसानों के लिए राहत, लेकिन चिंता भी

हाल की बारिश ने राज्य में तापमान में 2–3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट ला दी है, जिससे धान की खेती करने वाले किसानों को राहत मिली है. हालांकि, अब भी मॉनसून की कुल बारिश सामान्य से कम होने के कारण किसान चिंतित हैं.

मॉनसून पैटर्न में असमानता

इस वर्ष बिहार में मॉनसून का पैटर्न असामान्य रहा है. जहां झारखंड और दक्षिण बिहार में अपेक्षाकृत अच्छी बारिश दर्ज की गई, वहीं उत्तर बिहार में बारिश सामान्य से काफी कम रही. उत्तर बिहार में ज्यादा बारिश होती है और दक्षिण बिहार में कम, लेकिन इस बार स्थिति उलट दिखाई दी. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक राज्य में 858 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, जबकि अब तक केवल 592 मिमी बारिश हुई है. यानी सामान्य से करीब 31 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

बारिश के इंतजार में किसान

बिहार के किसान बारिश के इंतजार में हैं ताकि धान की फसल सही निकल सके. बिहार में धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है और अधिकांश इलाका मॉनसून की बारिश पर निर्भर है. अगर बारिश नहीं होती है तो इन इलाकों में धान की फसल सूख जाती है. इस बार बारिश की मात्रा कम है, इसलिए किसान चिंता में हैं. हालांकि अभी भी समय है. अगर बारिश हो जाए तो धान की फसल निकल जाएगी.

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