Success Story: मां ने शुरू किया ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाने का काम, बेटी ने डिप्लोमा कर बिजनेस में बदल दिया

Success Story: मां ने शुरू किया ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाने का काम, बेटी ने डिप्लोमा कर बिजनेस में बदल दिया

पंजाब के लुधियाना की श्रुति गोयल ने अपनी मां के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाने के काम को एक बिजनेस में बदल दिया है. वे जायका ब्रांड के नाम से कई जैविक खाद्य पदार्थ बना रही हैं. अपने साथ कई महिलाओं को भी एसएचजी के जरिए काम दे रही हैं.

श्रुति अपनी मां अनीता गोयल के साथ. फोटो- Shruti Goyalश्रुति अपनी मां अनीता गोयल के साथ. फोटो- Shruti Goyal
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • May 12, 2023,
  • Updated May 12, 2023, 5:54 PM IST

“साल 1986 में मेरी मां ने विदेश जाने वाले लोगों के लिए शुद्ध अचार और अन्य चीजें बनाना शुरू किया. क्योंकि तब हमारे आसपास से ही बहुत सारे लोग कनाडा और यूएस शिफ्ट हो रहे थे. ब्रांड का नाम दिया ज़ायका. धीरे-धीरे काम फैला और मां ने 2009 में एक स्वयं सहायता समूह बनाया. इसके बाद हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा. हालांकि शुरूआत इतनी आसान नहीं थी, लेकिन मेरी मां ने मसालों पर काफी काम किया. मसालों पर कई प्रयोगों से उन्होंने कई खाने-पीने की चीजें बनाईं. अब हम एक कंपनी के तौर पर काम कर रहे हैं और सिर्फ पंजाब ही नहीं देश के कई राज्यों में अपने ऑर्गेनिक उत्पाद बेच रहे हैं.” 

पंजाब के लुधियाना के पास जगराओं की रहने वाली श्रुति गोयल किसान तक से अपनी सफलता की कहानी शेयर कर रही थीं. श्रुति कहती हैं, “मां के बनाये जायका को मैंने पांच साल पहले ज्वाइन किया. इसके बाद हमने इसमें कई तरह के प्रोडक्ट जोड़े. जिनमें आंवला कैंडी, कैरी का अचार, ड्राइफ्रूट खीर के साथ-साथ और भी कई तरह के प्रोडक्ट हैं.”

फूड एंड न्यूट्रीशन में कोर्स कर बनाए ऑर्गेनिक प्रोडक्ट

श्रुति बताती हैं कि उन्होंने बीए और बीएड करने के बाद पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से फूड एंड न्यूट्रीशन में भी कोर्स किया है. इसके बाद ही मैं अपनी मां के ब्रांड ज़ायका से जुड़ी. इस ब्रांड में हम सारे प्रोडक्ट पूरी तरह से ऑर्गेनिक इस्तेमाल करते हैं. साथ ही स्वयं सहायता समूह बनाकर उसमें आसपास की महिलाओं को जोड़ते हैं. इससे उन महिलाओं को भी काम मिलता है और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होती है. हाल ही में श्रुति को राजस्थान सरकार ने ऑर्गेनिक मेले में बेस्ट परफॉर्मेस के लिए सम्मानित भी किया है. 

ये भी पढ़ें- Lumpy Skin Disease: एक बार फिर बढ़ा लंपी रोग का खतरा, पशुपालन विभाग ने दी ये सलाह

एग्रीकल्चर कॉलेज-यूनिवर्सिटी से लेते हैं कच्चा माल

श्रुति अपने सभी उत्पादों के लिए कच्चा माल पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी या किसी सरकारी कृषि कॉलेज से ही लेती हैं. ये पूरा कच्चा माल पूरी तरह से शुद्ध और हाइजीनिक होते हैं. कॉलेज-यूनिवर्सिटी के अलावा कच्चा माल किसानों से लिया जाता है. इससे सरकारी संस्थानों के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ती है. 

सरकारी विभागों में जाते हैं प्रोडक्ट

श्रुति बताती हैं कि शुरूआत में उन्हें अपने प्रोडक्ट बनाकर मार्केट तक पहुंचाने में काफी मुश्किलें आईं. लेकिन धीरे-धीरे हमने पंजाब और पंजाब के बाहर अपने स्टॉल लगाने शुरू किए. लोगों को हमारा स्वाद पसंद आया. अभी पंजाब के 10 से ज्यादा सरकारी विभागों में हमारे ब्रांड ज़ायका के प्रोडक्ट हम सप्लाई कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Wheat Purchase: क्या इस साल जरूरत से ज्यादा होगी गेहूं की खरीदारी! पढ़ें सरकारी आंकड़ा 

साथ ही हर महीने में एक बार दूसरे राज्य में अपनी स्टॉल लगाते हैं. इससे दूसरे राज्यों से हमारे ग्राहक बने हैं. बहुत जल्दी हम अपनी एक कंपनी शुरू करने वाले हैं. जिसकी ओपनिंग जल्द की जाएगी. 
Video: इस दिन से Lumpy Vaccination का अभियान होगा शुरू, 76,000 गायों की हुई थी मौत

MORE NEWS

Read more!