किसान की बेटी ने रचा इतिहास, राष्ट्रीय गणित चैंपियनशिप हासिल किया पहला स्थान

किसान की बेटी ने रचा इतिहास, राष्ट्रीय गणित चैंपियनशिप हासिल किया पहला स्थान

गुजरात के सावरकुंडला के पिथवाड़ी गांव की 13 साल झांकी भागीरथभाई सुहागिया ने 16 अगस्त को हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की यूसी-एमएएस अबेकस और मानसिक गणित प्रतियोगिता में इतिहास रच दिया है.

किसान की बेटी ने रचा इतिहासकिसान की बेटी ने रचा इतिहास
क‍िसान तक
  • Amreli,
  • Aug 24, 2025,
  • Updated Aug 24, 2025, 12:11 PM IST

झांकी सुहागिया सिर्फ़ 13 साल की हैं, लेकिन उनकी मेहनत, सीखने के जुनून और कुछ कर गुजरने के जज़्बे ने उन्हें राष्ट्रीय चैंपियन बना दिया है. दरअसल, गुजरात के अमरेली जिले की पिथवाड़ी गांव की 13 साल झांकी भागीरथभाई सुहागिया ने 16 अगस्त को हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की यूसी-एमएएस अबेकस और मानसिक गणित प्रतियोगिता में इतिहास रच दिया है. झांकी ने पूरे भारत के 8000 से ज्यादा प्रतिभाशाली छात्रों के बीच अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर चैंपियन का खिताब जीता है.

प्रतियोगिता में पुछे गए 200 सवाल

यह उपलब्धि न सिर्फ़ व्यक्तिगत बल्कि सौराष्ट्र और पूरे गुजरात के लिए गौरव की बात है. इस प्रतियोगिता की ख़ास बात यह थी कि इसमें पूरे देश के छात्रों ने हिस्सा लिया था. यहां प्रतिभागियों को सिर्फ़ आठ मिनट का समय दिया गया था और उस समय में उन्हें बिना कागज़, कलम या कैलकुलेटर का इस्तेमाल किए 200 जटिल गणित के सवाल हल करने थे.

यह प्रतियोगिता बहुत कठिन मानी जाती है क्योंकि इसमें गति, ध्यान, एकाग्रता और दिमागी क्षमता का उच्च स्तर पर परीक्षण किया जाता है. इसमें झांकी सुहागिया ने अद्भुत प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान प्राप्त किया. इसके साथ ही गुजरात के अन्य छात्रों ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और खुद को गौरवान्वित किया.

इस प्रतियोगिता का क्या है उद्देश्य 

यह चैंपियनशिप परीक्षा केवल गणित के बारे में नहीं, बल्कि जीवन कौशल विकसित करने के बारे में भी थी. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल गणितीय गणना करना नहीं है. अबेकस और मानसिक अंकगणित के प्रशिक्षण से, बच्चा न केवल संख्याओं की गणना करना सीखता है, बल्कि समय की बचत, दबाव में तेजी से सोचने की क्षमता, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और आत्मविश्वास जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी विकसित करता है.


अबेकस विधि बच्चे के बाएं और दाएं दोनों मस्तिष्कों को एक साथ सक्रिय करती है, जिससे बच्चा सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर होता है. झांकी सुहागिया की कड़ी मेहनत और अनुशासन ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया. झांकी सुहागिया ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पूरे भारत के छात्रों को पछाड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया और विजेता बनीं.

झांकी ने दूसरे छात्रों को दिया सीख

अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए, सुहागिया ने कहा कि वो पिछले तीन महीनों से लगातार कड़ी मेहनत कर रही हैं. उन्होंने रोज़ाना घंटों अभ्यास किया, वो 24 घंटों में से सिर्फ़ 30 मिनट ही अपने मोबाइल का इस्तेमाल करती थीं, वो भी अपने ऑनलाइन लेक्चर देखने और गणित का ज्ञान हासिल करने के लिए. उन्होंने कहा कि मैं अपने सभी दोस्तों और छात्रों से कहना चाहती हूं कि वे मोबाइल का बेवजह इस्तेमाल न करें.

झांकी की इस सफलता के पीछे उनके गुरु पार्थ सूचक का अहम योगदान है. पार्थ सूचक ने कहा कि झांकी ने कुल 2 लाख उदाहरणों की गिनती का अभ्यास किया. यह निरंतर अभ्यास, धैर्य और कड़ी मेहनत का नतीजा है कि आज उसे राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन का खिताब मिला है. हमें गर्व है कि एक ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी छात्रा ने पूरे भारत में अपना नाम रोशन किया है. झांकी सुहागिया की जीत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए खुशी का अवसर है. ग्रामीणों में गर्व की भावना दिखाई दे रही है कि एक किसान परिवार की बेटी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया है.

झांकी की सफलता बच्चों के लिए प्रेरणा

स्कूल के शिक्षक और दोस्त भी खुशी व्यक्त कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी झांकी की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए संदेशों की बाढ़ आ गई है. उस समय झांकी सुहागिया का प्रेरणादायक संदेश उचित मार्गदर्शन, निरंतर कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से हर बच्चा दुनिया में अपनी जगह बना सकता है, खासकर आज के समय में, जहां बच्चों का एक बड़ा समय मोबाइल और सोशल मीडिया पर बर्बाद होता है, झांकी ने अपनी अनुशासित जीवनशैली से एक अनूठा संदेश दिया है.

झांकी भागीरथभाई सुहागिया जैसी प्रतिभाएं भारत का भविष्य हैं. एक किसान की बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत, एकाग्रता और धैर्य के बल पर देशभर के 8000 प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है. इस जीत से न केवल परिवार और गांव, बल्कि पूरा गुजरात गौरवान्वित महसूस कर रहा है. झांकी की यह सफलता निश्चित रूप से कई बच्चों को प्रेरित करेगी कि कैसे दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से असंभव लगने वाली सफलताएं हासिल की जा सकती है. (फ़ारूक कादरी की रिपोर्ट)

MORE NEWS

Read more!