कुछ लोग हैं जो अपनी मेहनत और होशियारी से असंभव को भी संभव कर दिखाते हैं. अगर आपसे ये कहा जाए कि सेब को गर्म जलवायु में भी उगाया जा सकता है, तो जाहिर है कि आप विश्वास नहीं कर पाएंगे. क्योंकि सेब भारत के सिर्फ ठंडे और पहाड़ी राज्यों जैसे कश्मीर और हिमाचल में ही उगाया जाता है. मगर इस बार असंभव को संभव कर दिखाया है उत्तराखंड के बागेश्वर में रहने वाले एक किसान दरबान सिंह परिहार ने. उन्होंने बागेश्वर जैसी गर्म घाटी में सेब की बंपर पैदावर कर लोगों को न केवल चौंका दिया है, बल्कि किसानों के समक्ष एक अद्भुत उदाहरण भी पेश किया है.
आम तौर पर जब भी सेब का नाम आता है तो हमारे दिमाग में कश्मीर या फिर हिमाचल प्रदेश का ही नाम आता है. लेकिन उत्तराखंड के बागेश्वर में रहने वाले दरबान सिंह परिहार ने सात रतबे के पास ग्राम जमखितोला गांव में सेब की बंपर पैदावर कर सबको हैरान कर दिया और बागेश्वर को कश्मीर व हिमाचल के मुकाबले खड़ा कर दिया है. यही देखने के लिए किसान तक की टीम उनके सेब के बगीचे में गई और वहां उनकी मेहनत, समर्पण और जज्बे को देखा. सेब की अलग-अलग प्रजातियों को बागेश्वर जैसे जिले में उगाकर ये किसान प्रशासन सहित सभी की नजरों में आ गए हैं.
सेब किसान दरबान सिंह परिहार ने बताया कि साल 2022 के मार्च में उन्होंने सिर्फ पांच नाली में सेब का पौधारोपण किया था. तब ये 250 पौधे थे, जिनपर दूसरे साल यानी जुलाई 2023 में पहली पैदावार ले ली थी और तब 8-10 किलो एक पौधे से एवरेज उपज मिल गई थी. 2023 के बाद हमें 2024 में भी पैदावार मिली और अब ये तीसरा साल है. दरबान सिंह का कहना है कि इसमें लगातार फल आते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम इसको लेकर एक्सपर्ट लोगों से सुझाव और जानकारी लेते रहते हैं और उसके आधार पर फसल को न्यूट्रिशन और खाद डालते रहते हैं.
दरबान सिंह का कहना है कि एक पेड़ में अब 10-15 किलो तक फल लगते हैं. मगर अभी हमने तुड़ाई कर ली है तो हर पेड़ में एक तिहाई ही फल बचे हैं. उन्होंने बताया कि इसमें फ्रूटिंग जल्दी आने लगती है. जून के आखिर से ही सेब के इन पेड़ों में फल आने लगते हैं. 20 जुलाई के आसपास हम इससे फ्रूटिंग ले लेते हैं.
(रिपोर्ट- जगदीश पांडेय जनपद)
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