शकुंतला देवी, पति सुरेश मंडल, बिहार राज्य के जमुई जिले के झाझा प्रखंड अंतर्गत जामुखरैया पंचायत के फतेहपुर गांव की निवासी हैं. उनके परिवार में माता-पिता और दो बच्चे हैं. शकुंतला देवी न केवल एक मेहनती गृहिणी हैं, बल्कि अपने बच्चों को पढ़ाने और पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाने वाली महिला भी हैं. खेती के साथ-साथ मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती थीं. शकुंतला देवी एक सीमांत किसान हैं. उनके पास केवल 1.25 एकड़ जमीन है. खेती से सालभर गुजारा करना मुश्किल था क्योंकि रबी और खरीफ फसलों से सिर्फ साल में दो बार ही आमदनी होती थी. यही वजह थी कि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर हमेशा चिंतित रहती थीं.
पंचायत जामुखरैया में एक आम सभा का आयोजन आत्मा (ATMA) के अधिकारियों द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में शकुंतला देवी ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन प्रखंड तकनीकी प्रबंधक श्री पुष्पेन्द्र नाथ और सहायक तकनीकी प्रबंधक द्वारा किया गया था. इसमें उद्यान, कृषि, वानिकी प्रणाली और कृषि से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम से प्रेरित होकर उन्होंने अपने गांव के कुछ किसानों के साथ मिलकर एक स्वयं सहायता समूह की स्थापना की जिसका नाम "माँ शारदा स्वयं सहायता समूह" रखा गया.
शकुंतला देवी ने अपनी 1.25 एकड़ जमीन पर उद्यानकृषि, वानिकी, और वैज्ञानिक खेती शुरू की. उन्होंने जमीन के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न प्रकार की फसलें लगाईं:
पहले जहाँ उनकी सालाना आमदनी लगभग ₹45,000 थी, वहीं आत्मा के सहयोग और वैज्ञानिक खेती के जरिये यह बढ़कर ₹2.15 लाख हो गई. यह आय में लगभग 4 गुना वृद्धि है. अब उन्हें सालभर आमदनी होती है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो गई है.
शकुंतला देवी की सफलता देखकर आसपास के किसान भी वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. वे भी आत्मा अधिकारियों से संपर्क में रहते हैं और नई-नई तकनीकों को अपनाकर अपनी खेती को लाभदायक बना रहे हैं.
शकुंतला देवी आत्मा के सभी पदाधिकारियों का दिल से धन्यवाद करती हैं, खासकर परियोजना निदेशक महोदय का, जिनके मार्गदर्शन से उन्हें खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाने का मौका मिला.
शकुंतला देवी की कहानी एक उदाहरण है कि यदि महिला किसान को सही मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता मिले, तो वह न केवल खुद को, बल्कि अपने पूरे गांव को आत्मनिर्भर बना सकती है. यह कहानी हजारों ग्रामीण महिलाओं को प्रेरणा देने वाली है कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है.