PT Bull Gaurav: आरओ के पानी से नहाता है ये बुल, न्यूट्रीशन एक्सपर्ट बनाते हैं डाइट चार्ट 

PT Bull Gaurav: आरओ के पानी से नहाता है ये बुल, न्यूट्रीशन एक्सपर्ट बनाते हैं डाइट चार्ट 

पीटी बुल गौरव की देखभाल एक वीआईपी की तरह से होती है. प्रोजेनी टेस्टिंग (पीटी) बुल तैयार करना आसान नहीं होता है. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB), हिसार, हरियाणा के पास ए ग्रेड के दो पीटी बुल एम-29 और 4354 हैं. जिसमे एक गौरव भी शामिल है. गौरव का सीमन आम पशुपालकों को ना देकर सीमन को रिसर्च के लिए इस्तेमाल किया जाता है.  

नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Nov 19, 2025,
  • Updated Nov 19, 2025, 3:37 PM IST

आमतौर पर हम लोग आरओ का पानी पीते हैं और सामान्य पानी से नहाते हैं. लेकिन एक बुल (भैंसा) ऐसा है जो पीता भी आरओ का पानी है और नहाता भी आरओ के पानी से ही है. और तो और उसे नहलाने से पहले पानी का टीडीएस चेक किया जाता है. ये कोई आम बुल नहीं है. इसे हिसार (हरियाणा) का ‘गौरव’ कहा जाता है. इसका नाम भी गौरव ही है. गौरव दिनभर में क्या-क्या और कितना खाएगे ये भी न्यूट्रीशन एक्सपर्ट तय करते हैं. गौरव सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (CIRB), हिसार, हरियाणा की देखरेख में है. 

गौरव को पीटी बुल का खि‍ताब मिला हुआ है. कई साल की जांच के बाद किसी बुल को पीटी बुल का तमगा मिलता है. आठ से दस साल में जाकर पीटी बुल तैयार होता है. 15-20 बुल के बीच हुए कंप्टीशन से निकलकर ही पीटी बुल बनता है. पीटी बुल के वीर्य की स्ट्रॉ लेने के लिए भी पशुपालक अच्छी खासी रकम खर्च करने को तैयार रहते हैं. गौरतलब रहे गौरव एक क्लोन बुल है. और आज की तारीख में इसकी उम्र 11 साल है. 

300 से 600 लीटर दूध बढ़ा रहा गौरव का सीमेन

गौरव पर रिसर्च कर रहे CIRB के साइंटिस्ट डॉ. पीएस यादव ने किसान तक को बताया कि रिसर्च के दौरान गौरव के सीमेन से पैदा होने वाली भैंसों के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. एक ब्यांत में 300 से 600 लीटर दूध की बढ़ोतरी हुई है. अभी तक गौरव के सीमेन से आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (कृत्रिम गर्भाधान) के लिए 22 हजार डोज तैयार की गई हैं. इतना ही नहीं गौरव के सीमेन से पैदा होने वाले बछड़ों में 45 फीसद संख्या मादा की है. ये पीटी बुल की एक बड़ी पहचान होती है. गौरव को पीटी बुल का 4354 नंबर दिया गया है. डायरेक्टर टीके दत्ता ने इस मौके पर केक भी काटा. ये क्लोन पीटी बुल है.

एक हजार किलो का है पीटी बुल गौरव 

साइंटिस्ट का कहना है कि गौरव की हैल्थ का बहुत ख्याल रखा जाता है. गौरव को आरओ के पानी से नहलाया जाता है. आरओ का होने के बाद भी पहले पानी का टीडीएस चेक किया जाता है. CIRB में न्यूट्रीशन डिपार्टमेंट है. यहां गौरव का डाइट चार्ट तैयार किया जाता है. गौरव का वजन करीब एक हजार किलो है. वजन के हिसाब से गौरव को दाना और हरा चारा खाने के लिए दिया जाता है. डॉ. पीएस यादव का कहना है कि गौरव से ज्यादा सीमेन इसलिए नहीं लिया जा रहा है क्योंकि गौरव के सीमेन का इस्तेमाल नस्ल सुधार के काम में किया जा रहा है. आपको बता दें एक पीटी बुल में तीन खास बातों का होना जरूरी होता है. जैसे एक तो ये कि उसकी बेटियां ज्यादा दूध देने वाली हों. हर साल वक्त से गाभि‍न होकर बच्चा दे रही हों. तीसरा ये कि उन्हें कोई अनुवांशि‍क बीमारियां ना हों.

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