नेशनल ऑयल पाम मिशन क्या है जिसमें पाम तेल का उत्पादन बढ़ाएगी सरकार, किसानों को क्या होगा फायदा?

नेशनल ऑयल पाम मिशन क्या है जिसमें पाम तेल का उत्पादन बढ़ाएगी सरकार, किसानों को क्या होगा फायदा?

सरकार ने नेशनल ऑयल पाम मिशन शुरू किया है ताकि देश में पाम तेल का उत्पादन बढ़ाया जा सके. ऑयल पाम मिशन खाद्य तेल मिशन के तहत ही चलाया जा रहा है जिसमें देश को खाने के तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है और किसानों की कमाई बढ़ानी है.

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नेशनल ऑयल पाम मिशन क्या है जिसमें पाम तेल का उत्पादन बढ़ाएगी सरकार, किसानों को क्या होगा फायदा?नेशनल ऑयल पाम मिशन के तहत देश को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाना है

केंद्र सरकार ने नेशनल ऑयल पाम मिशन की शुरुआत की है. इस अभियान की बदौलत देश में पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी है. दरअसल, देश में बड़ी मात्रा में पाम तेल का आयात होता है जिस पर भारी मात्रा में सरकार का बजट खर्च होता है. सरकार इस खर्च को कम करने और देश को पाम तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़े प्रयास कर रही है. इसी प्रयास के तहत नेशनल ऑयल पाम मिशन की शुरुआत की गई है. इस मिशन का सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिलेगा क्योंकि पाम की खेती के लिए सरकार बढ़चढ़ कर बढ़ावा दे रही है.

क्या है नेशनल ऑयल पाम मिशन? (NMEO-OP)

नेशनल ऑयल पाम मिशन केंद्र सरकार का अभियान है जिसमें घरेलू स्तर पर पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है. दरअसल, सरकार ने देश में खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने का एक बड़ा अभियान चलाया है ताकि विदेशी आयात पर खर्च होने वाले अरबों रुपये के बजट का कम किया जा सके और देश को खाने के तेल और तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके. उसी खाद्य तेल मिशन के अंतर्गत पाम ऑयल मिशन भी शुरू किया गया है. इस मिशन के दो फायदे हैं. पहला, इससे देश पाम तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा. दूसरा, पाम तेल के उत्पादन से किसानो की कमाई बढ़ेगी.

नेशनल ऑयल पाम मिशन का लक्ष्य क्या है?

नेशनल ऑयल पाम मिशन का सबसे बड़ा लक्ष्य देश में पाम तेल का उत्पादन बढ़ाना है. अभी देश में बहुत कम मात्रा में पाम तेल का उत्पादन होता है और बड़ी मात्रा में आयात होता है. मलेशिया जैसे देशों से पाम तेल का बड़े पैमाने पर आयात होता है. अभी देश में तकरीबन 3.5 लाख टन पाम तेल का उत्पादन होता है जिसे 2029 तक बढ़ा कर 23 लाख टन तक ले जाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य को साधते हुए सरकार किसानों को कई तरह की सुविधाएं दे रही है ताकि वे पाम की खेती कर इसका उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकें.

नेशनल ऑयल पाम मिशन से किसानों को क्या होगा फायदा?

इस मिशन के तहत सरकार किसानों को पाम की खेती करने के लिए तरह-तरह के इंसेंटिव दे रही है. इस इंसेंटिव की मदद से किसानों को पाम की बागवानी बड़े स्तर पर करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. मिशन के अंतर्गत सरकार ने अगले कुछ साल में पाम का रकबा 10 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. अभी यह रकबा 6 लाख हेक्टेयर के आसपास है. रकबा बढ़ाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां किसानों के समर्थन में आगे आ रही हैं. इन कंपनियों में गोदरेज एग्रोवेट, पतंजलि फूड और 3F ऑयल पाम एग्रोटेक शामिल हैं. ये कंपनियां किसानों के साथ मिलकर पाम की बागवानी का रकबा बढ़ाएंगे. इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.

किन राज्यों के किसानों को सबसे अधिक फायदा?

सरकार का सबसे अधिक ध्यान उन राज्यों में है जहां पहले से या तो पाम की खेती हो रही है या जहां इसकी खेती की संभावना अधिक है. इसे देखते हुए उत्तर पूर्व के राज्य जैसे असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में इसकी सबसे अधिक बागवानी होगी. सबसे अच्छी बात ये कि पाम को बाकी फसलों के साथ लगाया जाएगा जिनमें सब्जी, दालें और कोकोआ शामिल हैं. इससे किसानों को दोहरी कमाई होगी.

निष्कर्ष

सरकार ने नेशनल ऑयल पाम मिशन के अंतर्गत देश में पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही किसानों की कमाई बढ़ाने का भी लक्ष्य तय किया है. इससे उत्तर पूर्व के किसानों को सबसे अधिक फायदा होगा क्योंकि वहां सरकार की ओर से इंसेंटिव देकर किसानों को पाम की खेती के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें कई बड़ी कंपनियां किसानों के साथ मिलकर पाम की खेती को आगे बढ़ाएंगी. इससे देश खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा.

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