केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई बड़े फैसले लिए जिनमें किसानों से भी जुड़े निर्णय हैं. इसमें खरीफ एमएसपी और किसान क्रेडिट कार्ड यानी KCC के बारे में बड़ा ऐलान किया गया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक में लिए गए पांच फैसलों के बारे में जानकारी दी.
1) किसान कल्याण: खरीफ फसल के लिए एमएसपी के तहत 2,07,000 करोड़ रुपये दिए गए.
2) किसान कल्याण: ब्याज सहायता योजना (किसान क्रेडिट कार्ड)
3) इंफ्रा: आंध्र प्रदेश में 4-लेन बाडवेल नेल्लोर हाईवे (करोड़ रुपये)
4) इंफ्रा: महाराष्ट्र में वर्धा बल्लारशाह 135 किलोमीटर रेल लाइन की 4-लाइनिंग
5) इंफ्रा: मध्य प्रदेश में रतलाम नागदा 41 किलोमीटर रेल लाइन की 4-लाइनिंग
कैबिनेट ने खरीफ विपणन सत्र 25-26 के लिए एमएसपी को मंजूरी दी. सीएसीपी (कृषि लागत और मूल्य आयोग) ने एमएसपी की सिफारिश की. उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर कम से कम 50 परसेंट मार्जिन. मांग और आपूर्ति स्थिति, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतें, अंतर-फसल मूल्य समता, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र के बीच व्यापार की शर्तें, भूमि, जल और अन्य उत्पादन संसाधनों का तर्कसंगत उपयोग, अर्थव्यवस्था पर एमएसपी का प्रभाव और अन्य गैर-मूल्य कारक जिन पर भी सीएसीपी द्वारा विचार किया गया.
प्रेस ब्रीफिंग में सरकार ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार में और बीजेपी सरकार में धान की कितनी खरीद हुई और किसानों को एमएसपी का कितना पैसा मिला. 2004 से 2014 तक 4590 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई जबकि 2014 से 2024-25 तक 7608 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई. तब की सरकार में 14 खरीफ फसलों की खरीद 4679 एलएमटी हुई जबकि अब की सरकार में यह खरीद 7871 लाख मीट्रिक टन हुई.
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कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2004-05 से 2013-14 तक धान की एमएसपी के लिए किसानों को 4.44 लाख करोड़ रुपये दिए गए जबकि 2014-15 से 2024-25 में 14.16 लाख करोड़ रुपये दिए गए. 14 खरीफ फसलों के लिए कांग्रेस सरकार ने किसानों को 4.75 लाख करोड़ रुपये दिए जबकि मौजूदा मोदी सरकार ने 16.35 लाख करोड़ रुपये दिए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है.
सरकार ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके. पिछले साल की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड (820 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए की गई है, इसके बाद रागी (596 रुपये प्रति क्विंटल), कपास (589 रुपये प्रति क्विंटल) और तिल (579 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए एमएसपी में वृद्धि की गई है.
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विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है. किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (63%) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, उसके बाद मक्का (59%), तुअर (59%) और उड़द (53%) का स्थान है. बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50 परसेंट होने का अनुमान है.
किसानों के लिए ब्याज सहायता 15,642 करोड़ रुपये का दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के अंतर्गत ब्याज अनुदान (आईएस) की व्यवस्था को जारी रखने और जरूरी फंड की व्यवस्था को मंजूरी दे दी. इसी के तहत 15,642 करोड़ रुपये केसीसी के तहत दिए जाने को मंजूरी दी गई. इस योजना की संरचना या अन्य घटकों में कोई परिवर्तन प्रस्तावित नहीं किया गया है.
किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कार्यशील पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित करता है. किसानों को बागवानी सहित फसलों के लिए 3 लाख रुपये तक और संबद्ध गतिविधियों के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण 7 परसेंट प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर मिलता है. इसके अंतर्गत 1.5 परसेंट ब्याज सहायता और 3 परसेंट शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन दिया जाता है. इस तरह किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर 4 परसेंट हो जाता है जो कि किसानों के लिए बहुत उपयोगी है. 2 लाख रुपये तक जमानत मुक्त ऋण दिया जाता है. इसके लिए सरकार ने किसान ऋण पोर्टल शुरू किया है जिस पर 449 बैंक और वित्तीय संस्थान हैं.