जिला कलेक्ट्रेट सभागार में डिप्टी सीएम सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई और अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर किसानों तक सटीक और समय पर लाभ पहुंचाया जाए.
बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक 56,576 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन दिया जा चुका है. डिप्टी सीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष के अनुसार रिपोर्ट तैयार की जाए और बाकी किसानों को भी लोन दिलाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूरिया, डीएपी और एमओपी जैसे खादों की जरूरत से ज्यादा उपलब्धता रही, लेकिन बिक्री अपेक्षाकृत कम हुई.
कालाबाजारी रोकने के लिए छापेमारी कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. अब तक 2024-25 में 25 अनुज्ञप्तियां रद्द और 12 अनुमति निलंबित की गई हैं.
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मृदा जांच की समीक्षा में सामने आया कि जिले के सभी प्रखंडों की मिट्टी में नाइट्रोजन की भारी कमी है. इस पर किसानों को मिट्टी की जांच कराने और सही उर्वरकों के प्रयोग के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया. इस वर्ष 15,000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं.
आम, लीची, केला, पपीता, नारियल और मशरूम जैसी फलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए फल विकास योजना पर विशेष जोर दिया गया है. सब्जी विकास योजना के तहत ब्रोकली, टमाटर, बैगन, तरबूज, कद्दू, मिर्च आदि की खेती को प्रोत्साहित करने की बात कही गई. साथ ही संरक्षित खेती और सूक्ष्म सिंचाई की योजनाओं की भी समीक्षा की गई.
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अधिकारियों ने बताया कि जिले में 80 प्रतिशत CMR (धान अधिप्राप्ति) पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही आतमा योजना के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण देने और उन्हें तकनीकी जानकारी से लैस करने पर बल दिया गया.
इस बैठक में कृषि सचिव संजय अग्रवाल, विशेष सचिव वीरेंद्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन सिंह, बीज निगम के प्रबंध निदेशक निर्मल कुमार, डीएम सुव्रत कुमार सेन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.