ये चौंकाने वाली खबर पंजाब की है. महज तीन साल में यहां पीएम किसान स्कीम (PM Kisan) के 63 परसेंट लाभार्थी घट गए हैं. ये वो किसान हैं जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से हर साल तीन किस्तों में छह हजार रुपये मिलते थे. लेकिन अब इन किसानों में 63 फीसद लाभार्थी पीएम किसान की लिस्ट से बाहर हो गए हैं. इसकी वजह आपको भी जान लेनी चाहिए क्योंकि अगला नंबर आपका भी हो सकता है. एक छोटी गलती भी आपको पीएम किसान स्कीम की लिस्ट से बाहर कर सकती है. ये छोटी गलती है पीएम किसान की ई-केवाईसी (PM Kisan e-KYC) और जरूरी दस्तावेज जमा या अपलोड नहीं करना. इसी के चलते पंजाब के अधिसंख्य किसान पीएम किसान की किस्त नहीं ले पा रहे हैं.
'दि ट्रिब्यून' में छपा एक आंकड़ा बताता है, PM Kisan स्कीम का पैसा पाने वाले लाभार्थियों की संख्या दिसंबर 2019 से मार्च 2020 में 23,01,313 से घटकर अप्रैल-जुलाई 2023 में केवल 8,53,960 हो गई है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि ये किसान निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं करते पाए गए. ये किसान इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपना केवाईसी पूरा करने में भी पिछड़ गए हैं.
वर्षवार बात करें तो 2022 की शुरुआत में 5,41,512 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की लिस्ट से बाहर किए गए. ये वो किसान थे जिन्हें भारत सरकार हर साल 6000 रुपये की आर्थिक सहायता देती थी. इन्हें लिस्ट से इसलिए बाहर किया गया क्योंकि स्कीम में जो नियम बनाए गए हैं, जो पैरामीटर्स निर्धारित हैं, इन किसानों ने उनका पालन नहीं किया.
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आंकड़े के मुताबिक, दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक 11,81,102 लाभार्थी थे. इसके बाद दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक 23,01,313, दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 18,71,649 किसान, दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक 17,13,808 किसान, दिसंबर 2022 से मार्च 2023 तक 8,60,366, अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 तक 8,53,960 किसान लिस्ट में दर्ज हैं.
लाभार्थी किसानों की घटती संख्या के बारे में किसान नेता बलबीर सिंह कहते हैं, ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि कम पढ़े-लिखे किसान जिन्हें कंप्यूटर की जानकारी नहीं है, उन्होंने ऑनलाइन अपने पेपर अपलोड नहीं किए हों. लेकिन इन किसानों को आर्थिक मदद की बहुत जरूरत है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
'ट्रिब्यून' की रिपोर्ट कहती है कि पीएम किसान स्कीम के तहत 17.59 लाख लाभार्थियों को 2,000 रुपये की 12 किस्तें मिल चुकी हैं. साल में तीन बार किश्तें दी जाती हैं. हालांकि, 13वीं और 14वीं किस्त दिए जाने से पहले कई रजिस्टर्ड लाभार्थी या तो अयोग्य पाए गए या अपना केवाईसी अपलोड करने में विफल रहने के कारण हटा दिए गए. आंकड़े देखें तो अगस्त 2021 से लाभार्थियों की संख्या कम हो रही है. लाभार्थियों की संख्या में पहली बड़ी कटौती तब देखी गई जब दिसंबर 2021- मार्च 2022 की किस्त बांटी जानी थी.
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पंजाब के कृषि विभाग का कहना है, बड़े किसान होने के कारण कुछ को लाभार्थियों की सूची से हटाया गया है. विभाग डेटा जमा करके और उसे अपलोड करने में मदद करके वास्तविक किसान लाभार्थियों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इन किसानों को सूची से इसलिए हटाया गया है क्योंकि उन्होंने जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया है.