खेतों के रास्‍तों से अतिक्रमण हटाएगी महाराष्ट्र सरकार, नक्‍शे बनाकर किनारे पर लगाए जाएंगे पेड़

खेतों के रास्‍तों से अतिक्रमण हटाएगी महाराष्ट्र सरकार, नक्‍शे बनाकर किनारे पर लगाए जाएंगे पेड़

Maharashtra Farmers News: महाराष्ट्र सरकार में राजस्‍व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने खेतों तक जाने वाले रास्तों से अतिक्रमण हटाने और नक्शा बनाने का ऐलान किया है. उन्‍होंने ऐसे रास्‍तों के किनारे पेड़ लगाए जाएंगे.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 20, 2025,
  • Updated Sep 20, 2025, 8:27 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कृषि मार्गों से अतिक्रमण हटाने और ऐसे स्‍थानों को चिह्नित कर नक्शा तैयार करने का ऐलान किया है. यह पहल किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है. राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को यह जानकारी दी. मंत्री बावनकुले ने कहा कि इस योजना के तहत “निर्धारित पेड़” लगाए जाएंगे, जिनके कटान के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा और ये पेड़ खेतों तक जाने वाले रास्तों के किनारे लगाए जाएंगे. 

ये सुविधाएं की जाएंगी मुहैया

उन्होंने बताया कि किसानों को पानी, बिजली और आसान पहुंच वाली सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. बावनकुले ने कहा कि मार्गों का नक्शा तैयार होने के बाद अगले छह माह में मुख्यमंत्री बालिराजा पैडी रोड योजना शुरू की जाएगी. इस योजना के तहत खेतों तक कंक्रीट सड़कें बनाकर किसानों की पहुंच और कृषि गतिविधियों को आसान बनाया जाएगा. राजस्व विभाग और जिला प्रशासन मिलकर इन मार्गों से अतिक्रमण हटाएंगे.

देश में पहली ऐसी योजना होगी

मंत्री ने कहा कि यह पहल देश में इस तरह की पहली योजना होगी. इसके अलावा, गांवों में राजस्व अधिकारी 7/12 भूमि दस्तावेज़ों को अपडेट करने के लिए कैंप लगाएंगे, ताकि किसान विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें. राजस्व मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ी भूमि के नियमितीकरण और सरकारी निर्माण परियोजनाओं में 50 प्रतिशत कृत्रिम M-Sand के उपयोग को अनिवार्य करने की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम 50 ऐसी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.

आदिवासी किसानों के लिए खुशखबरी

इससे पहले राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गढ़चिरौली में जानकारी देते हुए बताया कि राज्‍य के आदिवासी किसान अब अपनी जमीन निजी कंपनियों या संस्‍थाओं को पट्टे पर दे सकेंगे, जबक‍ि इसमें उनका मालिकाना हक एकदम सुरक्षि‍त रहेगा. राज्‍य सरकार इसके लिए जल्द ही कानून लाने जा रही है.

नई नीति के तहत किसान अपनी जमीन खेती या खनिज उत्खनन के लिए निजी पक्षों को पट्टे पर दे सकेंगे. इससे आदिवासी किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा और उनकी जमीन पर मालिकाना हक सुरक्षित रहेगा. पट्टे की न्यूनतम दर 50,000 रुपये प्रति एकड़ या 1,25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सालाना तय की गई है, जबकि किसान और कंपनियां आपसी सहमति से इससे अधिक राशि भी तय कर सकते हैं.

वहीं अगर जमीन पर खनिज मिलते हैं तो किसान निजी कंपनियों के साथ एमओयू कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे. निर्णय लेने के लिए आदिवासी किसानों को दिक्‍कत नहीं होगी, क्‍योंकि प्रक्रिया जिला कलेक्टर स्तर पर पूरी होगी. इस नीति का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के लिए स्थायी आय सुनिश्चित करना और उनकी जमीन पर स्वामित्व सुरक्षित रखना है. इससे अब तक के जटिल और समय लेने वाले नियमों में आसानी आएगी और निवेश तक सीधी पहुंच मिलेगी. (पीटीआई)

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