महाराष्ट्र के किसानों के लिए एक बहुत राहत भरी और खुशखबरी वाली खबर है. राज्य सरकार ने अल्ट्रा हाई प्रेशर, हाई प्रेशर, और लो प्रेशर लिफ्ट इरीगेशन यानी सिंचाई प्रोजेक्ट्स के लिए किसानों को दी जाने वाली बिजली दर रियायत योजना को दो साल के लिए बढ़ा दिया है. पिछले दिनों राज्य कैबिनेट मीटिंग में यह अहम फैसला किया गया है. इसके तहत राज्य की 1,789 लिफ्ट सिंचाई योजनाओं को इसका फायदा मिलेगा. बताया गया है कि सरकार इस रियायत योजना के लिए दो साल में 1,758 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ उठाएगी.
इस बिजली शुल्क सब्सिडी योजना से किसानों के लिए अपनी फसलों को पानी मुहैया कराना आसान हो गया है. इस योजना की लागत में भी बड़ी बचत होगी. इससे कृषि आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी और किसान इस फैसले से खुश हैं. इस वेलफेयर योजना को 31 मार्च 2027 तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इस बिजली शुल्क सब्सिडी योजना से किसानों के जीवन स्तर में सुधार और उनकी कृषि आय बढ़ाने में मदद मिली है. माना जा रहा है कि किसान इस ऐलान से खुश होंगे. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'बिजली सब्सिडी के विस्तार से किसानों को अपनी फसलों के लिए अधिक कुशलता से पानी प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और ग्रामीण आजीविका को सहारा मिलेगा.'
इस योजना के तहत, उच्च और अति-उच्च दाब वाले उपभोक्ताओं को 1.16 रुपये प्रति यूनिट की रियायती दर का भुगतान करना जारी रहेगा जिसका मासिक शुल्क 25 रुपये प्रति केवीए होगा. जबकि लो प्रेशर वाले उपभोक्ताओं से 1 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क लिया जाएगा, जिसका मासिक शुल्क 15 रुपये प्रति हॉर्सपावर होगा. महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) को सब्सिडी के कारण होने वाली राजस्व हानि की भरपाई के लिए, राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 886.15 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026-27 के लिए 872.23 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. MSEDCL के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना ने पहले ही किसानों की फसल की पैदावार बढ़ाने और उनकी आजीविका को बेहतर बनाने में योगदान दिया है.
रेवेन्यू मिनिस्टर चंद्रशेखर बावनकुल ने बताया कि राज्य में कृषि परिवहन की समस्या के समाधान और किसानों के हित में 'मुख्यमंत्री बलिराजा पनंद सड़क' नामक एक नई स्कीम का ऐलान किया है. इसके साथ ही, विधानसभा के विधायकों की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने और इन सड़कों के लिए सीएसआर निधि से धनराशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए एक अलग खाता बनाया जाएगा.
राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि यह योजना आम किसानों के जीवन में एक क्रांति है. अगर किसान के खेतों तक सड़क, बिजली और पानी पहुंच जाए तो उसके लिए अपना माल बाजार तक पहुंचाना संभव हो जाएगा. इसके लिए सबसे पहले जमीन का सीमांकन करना जरूरी है और सभी विधायक इस संबंध में पूरी सावधानी बरतें और सभी जलमार्गों को मानचित्र पर लाएं. यह मानचित्र अगले महीने के अंदर गांव में पब्लिश किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी आशा जताई है कि कई 13 योजनाओं के माध्यम से इन सड़कों के लिए पैसा उपलब्ध कराया जाएगा.
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