खरीफ सीजन आने वाला है. किसान भी अब खाद-बीज से लेकर सिंचाई के इंतजाम में जुटे हुए हैं, क्योंकि खरीफ फसलों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है. इसलिए किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इस तकनीक के जरिये फसलों की जरूरत के मुताबिक ही पानी मिलता है और कम सिंचाई में ही अच्छी पैदावार मिल जाती है. इन तकनीकों में ड्रिप और स्प्रिंकलर इरीगेशन शामिल है. ये तकनीक पानी की बचत के साथ-साथ किसानों को अच्छा मुनाफा भी दिला रही है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत इन सूक्ष्म सिंचाई की तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है.
इसी कड़ी में बिहार सरकार की ओर से किसानों को स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने के लिए बंपर सब्सिडी दी जा रही है.आइए जानते हैं किसान इस योजना के लिए कैसे कर सकते हैं आवेदन-
दरअसल लगभग हर साल बिहार के कुछ इलाकों में सूखे की स्थिति बनी रहती है. सूखे की स्थिति का सामना कर रहे इन इलाकों में किसानों को खेती में काफी नुकसान होता है. ऐसे किसानों को सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं मिल पाती है. ऐसी समस्याओं के निदान के लिए बिहार कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय की ओर से स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक अपनाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
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देश में कृषि कार्यों के लिए पानी की सबसे ज्यादा खपत होती है. वहीं सीधा खेतों में पानी छोड़ने पर फसलों को तो नुकसान होता ही है बल्कि 60 फीसदी तक पानी की भी बर्बादी होती है. ऐसे में स्प्रिंकलर सिंचाई करने से फसल के साथ-साथ मिट्टी में भी लम्बे दिनों तक नमी बनी रहती है. इस तकनीक से पानी की बौछारें फसल के ऊपर पड़ती हैं. साथ ही इस तकनीक के जरिये सिंचाई के साथ-साथ पानी में उर्वरक मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं. इस तकनीक से किसानों का समय और मेहनत तो बचती ही है. साथ ही पानी की भी अच्छी खासी बचत हो जाती है.
बिहार उद्यानिकी विभाग को आदेश जारी किया गया है. जिसके बाद विभाग ने किसानों का रजिस्ट्रेशन कराने की कवायद शुरू कर दी है. इच्छुक किसान बिहार के उद्यान विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट के लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. साथ ही सिंचाई उपकरणों की खरीद पर भी सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपने नजदीकी जिले में स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं.