बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चुनावी साल में बड़ा कदम उठाते हुए लोगों को 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सौगात देने की घोषणा की. सीएम ने इसकी जानकारी अपने एक्स हैंडल पर दी है. उन्होंने लिखा, ''हमलोग शुरू से ही सस्ती दरों पर सभी को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं. अब हमने तय कर दिया है कि 1 अगस्त, 2025 से यानी जुलाई माह के बिल से ही राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा. इससे राज्य के कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को लाभ होगा.'' वहीं, बिहार सरकार की इस पहल का लाभ राज्य के किसानों को भी मिलेगा.
सीएम ने आगे कहा कि हमने यह भी तय किया है कि अगले तीन वर्षों में इन सभी घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घर की छतों पर अथवा नजदीकी सार्वजनिक स्थल पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर लाभ दिया जाएगा. कुटीर ज्योति योजना के तहत जो अत्यंत निर्धन परिवार होंगे उनके लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए पूरा खर्च राज्य सरकार करेगी और शेष के लिए भी सरकार उचित सहयोग करेगी. इससे घरेलू उपभोक्ताओं को अब बिजली का 125 यूनिट तक कोई खर्च नहीं लगेगा, साथ ही साथ राज्य में अगले तीन वर्षों में एक अनुमान के अनुसार 10 हजार मेगावाट तक सौर ऊर्जा उपलब्ध हो जाएगी.
बिहार सरकार ने अपने बयान में कहा कि इस पहल से राज्य के करीब 1 करोड़ 67 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा. मुफ्त बिजली का यह कदम न केवल आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत देगा, बल्कि हर घर के मासिक बजट पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा. वहीं, पॉलिटिकल एनालिस्ट का मानना है कि चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है.
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अगले तीन साल में राज्य सरकार सभी घरेलू उपभोक्ताओं की सहमति लेकर उनके घर की छतों या नजदीकी सार्वजनिक स्थानों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी. इसका उद्देश्य न केवल नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना है, बल्कि बिजली की जरूरतों को खुद राज्य के भीतर उत्पादन से पूरा करना भी है.
“हमलोग शुरू से ही सस्ती दरों पर सभी को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं. अब हमने तय कर लिया है कि 1 अगस्त 2025 से घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा.” सीएम नीतीश की यह घोषणा बिहार की बिजली नीति में बड़ा बदलाव साबित हो सकती है. एक ओर यह जन-आर्थिक सुधार की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, वहीं इसे दूसरी ओर ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित भविष्य की नींव के रूप में भी देखा जा रहा है. देखने वाली बात यह होगी की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह विजन बिहार की ऊर्जा क्रांति को और कितना आगे ले जाता है.