जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन बाद खत्म किया आमरण अनशन, शिवराज सिंह ने की थी अपील

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन बाद खत्म किया आमरण अनशन, शिवराज सिंह ने की थी अपील

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया है. उन्होंने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में आयोजित किसान पंचायत में अपना आमरण अनशन खत्म किया. वे 26 नवंबर से आमरण अनशन पर थे. आपको बता दें 5 अप्रैल को ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे आमरण अनशन खत्म करने की अपील की थी.

जगजीत सिंह डल्लेवालजगजीत सिंह डल्लेवाल
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 06, 2025,
  • Updated Apr 06, 2025, 5:21 PM IST

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया है. उन्होंने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में आयोजित किसान पंचायत में अपना आमरण अनशन खत्म किया. वे 26 नवंबर से आमरण अनशन पर थे. आपको बता दें 5 अप्रैल को ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे आमरण अनशन खत्म करने की अपील की थी.

शिवराज सिंह ने की थी अपील

खनौरी और शंभू बॉर्डर से भले ही किसानों के स्थायी बैरिकेड्स पहले ही हटा दिया गया था, लेकिन केंद्र सरकार उनसे बातचीत जारी थी. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यह जानकारी दी थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील भी की थी.

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4 मई को फिर होगी बैठक

उन्होंने कहा कि वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 4 मई को सुबह 11 बजे फिर किसान संगठनों के साथ बैठक करेंगे. चौहान ने कहा था कि डल्लेवाल अब अस्पताल से लौट आए हैं और हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर केंद्र और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत आगे भी जारी रहेगी. इससे पहले केंद्र और किसानों के बीच 19 मार्च को बैठक हुई थी, जो बेनतीजा रही थी.

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किसान नेताओं के साथ की जबरदस्ती

जिसके बाद पंजाब पुलिस ने सभी प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया था. इसके साथ ही शंभू और खनौरी दोनों मोर्चों से भी किसानों को हटा दिया गया था और पंजाब और हरियाणा की सीमा पर दोनों मुख्य मार्गों को खोल दिया गया था. इसके बाद से ही केंद्र और किसानों के बीच अगली बैठक को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सभी मुद्दों का हल बैठकों के माध्यम से निकलना चाहिए, लेकिन केंद्र और पंजाब सरकार ने किसानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. जबरन धरना हटाया गया और किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया. अब किसानों के दोनों मंच इसको लेकर बैठक करेंगे, जिसमें वे केंद्र के साथ बैठक में भाग लेने पर अंतिम फैसला लेंगे.

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