संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) पिछले साल 13 फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल 46 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. इस बीच दोनों मोर्चाें के नेताओं ने शुक्रवार को 30 से अधिक किसान यूनियनों के एक छत्र संगठन संयुक्त किसान मोर्चा से समर्थन मांगा है कि वे बिना किसी देरी के आंदोलन में उनका साथ दें. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की ओर से किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने यह मांग की.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेताओं ने शुक्रवार को डल्लेवाल की सेहत का हाल जानने खनौरी आए एसकेएम के छह सदस्यीय एकता कमेटी के पैनल से की. एसकेएम नेताओं ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकजुटता पर जोर दिया.
एसकेएम के छह सदस्यीय पैनल में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उग्राहन, रमिंदर सिंह पटियाला, जंगवीर सिंह और कृष्ण प्रसाद शामिल थे. 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था. हालांकि, इस बार के आंदोलन का यह हिस्सा नहीं है.
इससे पहले एसकेएम ने पंजाब के मोगा में 9 जनवरी को किसान महापंचायत बुलाई थी, जहां बड़ी संख्या में किसान पहुंचे. इस महापंचायत में एमएसपी के कानूनी गारंटी की मांग के लिए एकता प्रस्ताव पारित कर एक बार फिर किसान संगठनों से एकजुट होने का आह्वान किया गया और एसकेएम ने इसके लिए उक्त 6 सदस्यों वाली ‘एकता कमेटी’ बनाई.
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छह सदस्यीय समिति ने केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकता के लिए 15 जनवरी को पटियाला में एक बैठक के लिए एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को भी आमंत्रित किया.
वहीं, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता काका सिंह कोटड़ा ने शुक्रवार को खनौरी धरना स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि वे एसकेएम की छह सदस्यीय समिति का खनौरी धरना स्थल पर उनके दौरे पर स्वागत करते हैं. एसकेएम ने उन्हें (दोनों मोर्चों को) 15 जनवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया है. इसपर हमने उन्हें बताया है कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए एसकेएम से अपील की है कि अब बैठकों का समय नहीं है. यह समय जारी विरोध का समर्थन करने और इसे मजबूत करने का है.
हर कोई चाहता है किसानों की मांगें मान ली जाएं और डल्लेवाल की जान बचाई जा सके. हम उनसे अपील करते हैं कि 15 जनवरी बहुत दूर है. उन्हें आंदोलन का समर्थन करना चाहिए. कोटड़ा ने ने कहा कि मोर्चे की जीत के लिए हमने एसकेएम से समर्थन की अपील की है. हमें विश्वास है कि वे इस पर विचार करेंगे. (पीटीआई)