शंभू बॉर्डर पर किसान ने जहर खाकर खुदकुशी की, पंढेर ने 25 लाख रुपये मुआवजे की उठाई मांग

शंभू बॉर्डर पर किसान ने जहर खाकर खुदकुशी की, पंढेर ने 25 लाख रुपये मुआवजे की उठाई मांग

किसान का कहना था कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, इसलिए वे जहर खा रहे हैं. इस घटना के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब तक सरकार किसानों के मुद्दे पर बातचीत शुरू नहीं करेगी, किसान रेशम सिंह का पार्थिव शरीर अस्पताल में ही पड़ा रहेगा.

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शंभू बॉर्डर पर किसान ने जहर खाकर खुदकुशी की, पंढेर ने 25 लाख रुपये मुआवजे की उठाई मांगशंभू बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है

शंभू बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बीच एक किसान ने सल्फास की गोलियां खाकर खुदकुशी कर ली. इस किसान का नाम रेशम सिंह है जो तरन तारन जिले के रहने वाले हैं. रेशम सिंह (55) पिछले कई दिनों से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे. बीती रात उन्होंने सल्फास की गोलियां खा ली जिसके बाद उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में ले जाया जा रहा था. रास्ते में भी उनकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई. किसान का कहना था कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, इसलिए वे जहर खा रहे हैं.

तरन तारन जिले के पाहुविंड के रहने वाले रेशम सिंह ने शंभू बॉर्डर पर यह दर्दनाक कदम उठाया, जहां किसान पिछले करीब एक साल से केंद्र सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने बताया कि रेशम सिंह को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल ले जाया जा रहा था, जहां उनकी मौत हो गई. किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि रेशम सिंह लंबे समय से चल रहे प्रदर्शन के बावजूद मुद्दों का समाधान नहीं करने के कारण केंद्र सरकार से नाराज थे.

एक अन्य किसान रणजोध सिंह ने 18 दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली थी. रणजोध सिंह किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल (70) की बिगड़ती सेहत से परेशान थे, जो 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं.

गुरुवार की इस घटना के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब तक सरकार किसानों के मुद्दे पर बातचीत शुरू नहीं करेगी, किसान रेशम सिंह का पार्थिव शरीर अस्पताल में ही पड़ा रहेगा.

पंढेर ने उठाई मुआवजे की मांग

पंढेर ने कहा, जब तक सरकार वार्ता नहीं करती शहीद हुए किसान का पार्थिक शरीर पटियाला राजिंदरा अस्पताल में पड़ा रहेगा. ना ही पोस्टमार्टम हम करने देंगे. सरकार से मांग है कि 25 लाख की सहायता, सरकारी नौकरी और कर्जमाफी किसान रेशम सिंह की की जाए. इस किसान आंदोलन की यह 37वीं मौत है. 45 दिन से जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. सरकार बातचीत करे और मांगों को माने. किसान रेशम सिंह की आत्महत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर भी मामला दर्ज होना चाहिए.

एक ऐसी ही खबर खनौरी बॉर्डर से आई है जहां आंदोलन में शामिल एक किसान आग से झुलस गया. पानी गर्म करने के दौरान यह घटना हुई. बताया जा रहा है कि लकड़ी के गीजर से आग लगने के कारण किसान झुलस गया. किसान का नाम गुरदियाल सिंह है. गंभीर घायल होने के बाद किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह किसान कई दिनों से खनौरी बॉर्डर पर जारी धरना प्रदर्शन में शामिल है. आग के झुलसने के बाद उसे समाना अस्पताल में भर्ती कराया गया है.  

शंभू बॉर्डर पर डेढ़ महीने से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं. उनके इस धरने में सैकड़ों किसान भाग ले रहे हैं. इन किसानों की कई मांगें हैं जिनमें सबसे प्रमुख फसलों की एमएसपी गारंटी है. आंदोलनरत किसान कर्जमाफी की भी मांग कर रहे हैं. किसान नेता डल्लेवाल का कहना है कि वे किसी भी तरह का उपचार तभी लेंगे जब सरकार उनकी मांगों पर बातचीत करेगी. डल्लेवाल ने बुधवार को यह भी कहा कि अगर वे मर जाते हैं तो उनके शव को शंभू बॉर्डर पर धरनास्थल पर रखकर कोई और किसान इस आंदोलन को जारी रखे.
(अमन भारद्वाज का इनपुट)

 

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