केंद्र सरकार ने शनिवार रात को पिछले 11 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों को 14 फरवरी को बातचीत का न्योता दिया, लेकिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने साफ कर दिया है कि वे एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलने तक अपना आमरण अनशन नहीं तोड़ेंगे. वहीं, किसान नेता की देखभाल कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि डल्लेवाल 14 फरवरी तक सिर्फ मेडिकल सहायता पर जीवित नहीं रह सकते. तब से अन्य साथी डल्लेवाल को अपना आरमण तोड़ने के लिए मनाने में जुटे हैं. उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द भूख हड़ताल खत्म करेंगे. डल्लेवाल नए फॉर्मूले से एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 12 मांगों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से अनशन पर बैठे है.
आज रविवार को दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर उनके अनशन का 55वां दिन है. हालांकि, डल्लेवाल ने आंदोलनकारी किसानों की ओर से मेडिकल सहायता लेने का निवेदन का स्वीकार कर लिया, जिसके बाद डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया. देशभर के किसानों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से कहा कि वे मेडिकल सहायता लें, ताकि केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में वह खुद शामिल होकर किसानों का पक्ष मजबूती से रखें. इसपर जगजीत सिंह डल्लेवाल ने स्पष्ट किया कि वे MSP गारंटी कानून बनने तक अपना अनशन जारी रखेंगे. वहीं, उन्होंने मेडिकल सहायत पर कहा कि जैसा आपको ठीक लगे आप वैसा कर लो. इसके बाद रात को लगभग 1 बजे 8 विशेषज्ञों और वरिष्ठ डॉक्टरों के पैनल ने मोर्चे पर पहुंचकर उन्हें मेडिकल सहायता देना शुरू किया.
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वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि 23 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन 2.0 के समर्थन में हिसार के खेड़ी चौपटा पर इकट्ठे हुए हजारों किसानों पर हरियाणा पुलिस की ओर से बर्बरतापूर्ण तरीके से कारवाई की गयी थी, जिसमें कई किसान घायल हुए थे और कई झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे.
उस समय स्थानीय स्तर पर हुए समझौते के तहत प्रशासन ने मुकदमा रद्द करने का वादा किया था, लेकिन 3-4 दिन पहले किसानों को दोबारा नोटिस भेजे जा रहे हैं. किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन से जुड़े मुकदमों को रद्द करवाना दोनों मोर्चों की ज़िम्मेदारी है और केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में इस विषय पर चर्चा की जाएगी. किसान नेताओं ने कहा कि पहले से घोषित आगामी कार्यक्रमों के विषय में जल्द ही दोनों मोर्चों की मीटिंग कर के निर्णय लिया जाएगा.