प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी से कॉमेडियन श्याम रंगीला का चुनाव लड़ने का सपना टूट गया है. उनका नामांकन रद्द हो गया है और अब इस पर जमकर विवाद हो रहा है. जहां श्याम रंगीला ने इसके लिए वाराणसी के डीएम को दोषी ठहराया है तो वहीं डीएम ने इसकी पूरी जिम्मेदारी कॉमेडियन रंगीला पर ही डाल दी है. 29 साल के श्याम रंगीला पीएम मोदी की मिमिक्री करके खबरों में आए थे. वह एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहते थे.
श्याम रंगीला ने मंगलवार को वाराणसी से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. उन्होंने बुधवार शाम को कहा कि उनका नामांकन इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि उन्होंने शपथ नहीं ली है. रंगीला ने एक्स (ट्विटर) पर एक वीडियो जारी कर कहा, ' मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया है. वो नहीं चाहते कि मैं यहां से चुनाव लड़ूं. उन्होंने मंगलवार को दोपहर तीन बजे के बाद मेरा नामांकन पत्र लिया, जबकि मैं अकेला था. मैं पहली बार चुनाव लड़ रहा था और मुझे प्रक्रिया के बारे में पता नहीं था. किसी ने मुझे नहीं बताया कि मुझे शपथ लेनी है. अब वो कह रहे हैं कि क्योंकि मैंने शपथ नहीं ली, इसलिए मेरे नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए.'
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रंगीला की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम के आधिकारिक अकाउंट से लिखा गया, 'आपके नामांकन पत्र की आपकी मौजूदगी में जांच की गई और आपको कमियों के बारे में बताया गया. आपका नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया है क्योंकि आपकी तरफ से दिया गया हलफनामा अधूरा था और आपने शपथ नहीं ली थी. इसके आदेश की एक प्रति भी आपको उपलब्ध करा दी गई है.'
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इसके अलावा श्याम रंगीला ने एक के बाद एक कई पोस्ट्स में भी चुनाव आयोग को कोसा. रंगीला ने एक पोस्ट में लिखा, 'आयोग की तरफ से सोच-समझ कर मेरे और मेरे साथ-साथ बाकी 24-25 उम्मीदवारों के साथ भी छल किया गया है, लोकतंत्र में सामान्य नागरिक के चुनाव लड़ने के अधिकार की हत्या कर दी गई है. कुछ लोग है जो मुझ पर उंगली उठा रहे है उनको कहूंगा कि आप हिम्मत करिए और जाइए, बाकी उम्मीदवारों से बात कीजिए.' 14 मई को आखिरी चरण के मतदान के लिए उम्मीदवारों के नामांकन का आखिरी दिन था.
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रंगीला ने लिखा, ' 14 मई सुबह तक कुल 14 नामांकन जमा हुए थे और कुछ लोग मुझे उनका उदाहरण देकर कह रहे थे कि प्रक्रिया सही चल रही है. लेकिन शायद मेरे आवाज उठाने के बाद और आप सबके सहयोग को देखते हुए, कल प्रशासन ने एक दिन में ही 27 नामांकन लिए.' हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि 15 मई तक 32 नामांकन खारिज कर दिए गए हैं. श्याम रंगीला की मानें तो उन्हें वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा यह बात पहले से तय थी लेकिन नामांकन को जिस तरह से खारिज किया गया है, उसने उनके शक को यकीन में बदल दिया है.