न बायकॉट की अपील, न धमकी, श्रीनगर में 28 साल बाद हुई रिकॉर्ड वोटिंग, जानिए इसके मायने ? 

न बायकॉट की अपील, न धमकी, श्रीनगर में 28 साल बाद हुई रिकॉर्ड वोटिंग, जानिए इसके मायने ? 

म्‍मू कश्‍मीर की राजधानी श्रीनगर में 13 मई को एक अलग ही माहौल था. साल 2019 में अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद पहली बार यहां पर चुनाव हो रहे थे. जो कुछ वहां हुआ, उस पर किसी को भी एक बार को यकीन ही नहीं हो पाया. साल 1996 के बाद यह पहला मौका था जब जनता ने इतना बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्‍सा लिया.

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न बायकॉट की अपील, न धमकी, श्रीनगर में 28 साल बाद हुई रिकॉर्ड वोटिंग, जानिए इसके मायने ? 28 साल बाद श्रीनगर में वोटिंग के लिए उमड़ी भीड़

जम्‍मू कश्‍मीर की राजधानी श्रीनगर में 13 मई को एक अलग ही माहौल था. साल 2019 में अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद पहली बार यहां पर चुनाव हो रहे थे. जो कुछ वहां हुआ, उस पर किसी को भी एक बार को यकीन ही नहीं हो पाया. साल 1996 के बाद यह पहला मौका था जब जनता ने इतना बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्‍सा लिया. चुनाव आयोग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसान श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 38 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. साल 2019 की तुलना में यह आंकड़ा दोगुना है. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. 

कहां पर कितना मतदान

साल 1996 में श्रीनगर में करीब 41 फीसदी मतदान रिकॉर्ड हुआ था. श्रीनगर  के अस्थिर पुराने शहर और बाकी क्षेत्रों के साथ-साथ बडगाम, गांदरबल, पुलवामा और शोपियां से मिलकर बने इस निर्वाचन क्षेत्र में पिछले कुछ दशकों में लोकसभा चुनावों के दौरान बहुत कम मतदान हुआ. आपको बता दें कि ये सभी वो इलाके हैं जहां सबसे ज्‍यादा आतंकी गतिविधियां होती आई हैं. श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में साल 2019 में 14.43 प्रतिशत, 2014 में 25.86 प्रतिशत, 2009 में 25.55 प्रतिशत, 2004 में 18.57 प्रतिशत, 1999 में 11.93 प्रतिशत, 1998 में 30.06 प्रतिशत और 1996 के आम चुनाव में 40.94 प्रतिशत मतदान हुआ था.  घाटी में अशांति के कारण 1991 में कोई चुनाव नहीं हुआ था. 

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इस बार नहीं हुई बायकॉट की अपील 

पिछले चुनावों से हटकर, 13 मई को हुए मतदान में किसी भी संगठन की तरफ से बायकॉट की अपील नहीं की गई थी.  शायद यही कारण है कि लोगों ने मतदान करने के बाद अपनी उंगलियों पर नीली स्याही का निशान लगाकर उत्साह दिखाया, जिसे कश्मीर में एक और असाधारण घटना करार दिया जा रहा है. मुख्य चुनाव अधिकारी पांडुरंग के पोल ने कहा, 'इस बार कोई बहिष्कार नहीं हुआ और किसी भी मतदान केंद्र पर जीरो प्रतिशत मतदान दर्ज नहीं हुआ. यह लोगों के लोकतांत्रिक प्रणाली में दृढ़ विश्वास को दर्शाता है, जो उनके विकास के लिए जरूरी है.' 

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पीएम मोदी ने भी सराहा  

उन्‍होंने  उच्च मतदान का श्रेय 'पिछले कुछ वर्षों में बेहतर सुरक्षा और कानून व्यवस्था के माहौल को दिया.  मतदाताओं की दृढ़ विश्‍वास है कि यह मतदान ही है जो क्षेत्र में लगातार विकास को बढ़ा सकता है और यही बात सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से साल 2024 का लोकसभा चुनाव पहला आम चुनाव है. पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ने भी श्रीनगर के लोगों की 'उत्साहजनक' मतदान के लिए सराहना की. उन्‍होंने कहा अनुच्छेद 370 के हटने से लोगों को अपनी क्षमता और आकांक्षाओं को पूरी तरह से व्यक्त करने का मौका मिला है. 

 

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