Bihar Election 2025: बिहार में किसानों के लिए NDA और महागठबंधन ने किए क्या-क्या वादे? यहां जानिए

Bihar Election 2025: बिहार में किसानों के लिए NDA और महागठबंधन ने किए क्या-क्या वादे? यहां जानिए

बिहार में मतदान दो चरणों में होनी है - 6 और 11 नवंबर, जबकि चुनाव नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे. जहां एक ओर सत्तारूढ़ एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए बड़े वादे किए हैं तो वहीं महागठबंधन भी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़े सपने दिखा रही है.

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क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Nov 02, 2025,
  • Updated Nov 02, 2025, 4:07 PM IST

बिहार में चुनाव होने में अब महज कुछ ही दिन बाकी हैं और सभी राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने-अपने चुनावी वादों का ऐलान कर दिया है. बिहार में मतदान दो चरणों में होनी है - 6 और 11 नवंबर, जबकि चुनाव नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे. जहां एक ओर सत्तारूढ़ एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए बड़े वादे किए हैं तो वहीं महागठबंधन भी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़े सपने दिखा रही है. इसलिए आज हम आपको दोनों ही प्रमुख पार्टियों के किसानों के लिए किए गए वादे बता रहे हैं.

एनडीए के घोषणा पत्र में किसानों के लिए क्या?

  • किसानों के लिए एनडीए का सबसे बड़ा वादा है कि वह सरकार में दोबारा आने पर पीएम सम्मान निधि की राशि बढ़ा कर देगी.
  • कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि की शुरुआत करके किसानों को प्रति वर्ष 3000 रुपये, कुल 9,000 रुपये का लाभ दिया जाएगा.
  • इसी के साथ बिहार में एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा.
  • पंचायत स्तर पर भी सभी प्रमुख फसलों जैसे- धान, गेहूं, दलहन, मक्का आदि की एमएसपी पर खरीद की सुनिश्चित की जाएगी.
  • वहीं 'मत्स्य-दुग्ध मिशन' योजना के तहत हर एक मछली पालक को कुल 9,000 रुपये का लाभ देने का भी वायदा किया है.
  • मैनिफेस्टो में कहा है कि 'बिहार दुग्ध मिशन' की शुरुआत करके हर प्रखंड स्तर पर कोल्ड व प्रोसेसिंग सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे.
  • बिहार का कृषि निर्यात दोगुना करने के लिए 5 मेगा फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे.
  • एनडीए ने वादा किया है कि 2030 तक दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की जाएगी.
  • इसी के साथ मुफ्त राशन, 125 यूनिट मुफ्त बिजली और 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज का भी वादा किया है.
  • बिहार को मखाना, मछली एवं अन्य उत्पादों के ग्लोबल एक्सपोर्ट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा
  • सबसे प्रमुख वादों में से एक फ्लड मैनेजमेंट बोर्ड की स्थापना एवं 'फ्लड टू फॉर्च्यून' मॉडल के अंतर्गत, 5 वर्षों में बिहार को बाढ़ मुक्त बनाने का भी किया है.
  • एक करोड़ 'लखपति दीदी' बनाई जाएंगी.

महागठबंधन ने किसानों से किए ये वादे-

  • किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी. पंचायत स्तर पर तिलहन, दलहन और मक्का की सरकारी खरीद की जाएगी.
  • सब्ज़ी, फल और दूध उत्पादकों को विशेष सब्सिडी. मंडी और बाजार समितियों को पुनर्जीवित किया जाएगा. प्रमंडल, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर नई मंडियां खोली जाएंगी, और APMC अधिनियम को पुनः लागू किया जाएगा.
  • सभी बटाईदार किसानों को पहचान-पत्र. उन्हें एमएसपी, केसीसी और अन्य सभी सरकारी योजनाओं का लाभ.
  • कृषि भूमि के अंधाधुंध अधिग्रहण पर रोक और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर से चार गुना मुआवजा.
  • कोल्ड स्टोरेज और कृषि उपज के भंडारण की व्यवस्था ज़िला और अनुमंडल स्तर पर की जाएगी.
  • सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य के सभी बंद पड़े नलकूपों चालू किए जाएंगे.
  • सोन समेत सभी नहरों का आधुनिकीकरण. नहर प्रणाली की सिंचाई क्षमता का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करते हुए अंतिम छोर
  • तक सिंचाई की सुविधा.
  • किसानों को खेती के लिए प्रतिदिन 18 घंटे निःशुल्क बिजली. सीमांचल क्षेत्र में केला और अनानास की खेती को प्रोत्साहन.
  • खाद वितरण प्रणाली में व्यापक सुधार किया जाएगा. बढ़ी हुई सब्सिडी के साथ सस्ते और गुणवत्तापूर्ण बीज, खाद तथा अन्य कृषि उपकरणों की उपलब्धता.
  • फसल बीमा योजना के साथ-साथ किसान बीमा योजना लागू की जाएगी, जिससे समयबद्ध मुआवजा मिल सके.
  • गरीब किसानों के कृषि-संबंधी ऋण माफ किए जाएंगे. किसानों के लिए उचित मूल्य निर्धारण, मूल्य संवर्धन के लिए बड़े पैमाने पर मखाना प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किए जाएंगे.
  • दूध, मछली, मुर्गी, बकरी, बांस, रेशम, शहद और अन्य कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • सभी जीआई टैग प्राप्त फल और खाद्य उत्पादों के लिए बोर्ड गठित करेंगे. प्रत्येक जिले में कृषि और पशु चिकित्सा (वेटनरी) कॉलेजों की स्थापना.
  • पूसा कृषि अनुसंधान संस्थान को पुनः बिहार में स्थापित करने के लिए पहल की जाएगी. गन्ना खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा और बंद पड़ी चीनी मिलों को वापस चालू किया जाएगा.
  • कोसी-सीमांचल की हर पंचायत में मक्का के भंडारण की उचित व्यवस्था करेंगे.

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