
लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद विकसित भारत-जी राम जी (Viksit Bharat-Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission Gramin: VB-G RAM G) विधेयक 2025 लोकसभा में पारित हो गया. बिल पर जवाब देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि-किसान मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक के उद्देश्यों और प्रावधानों को विस्तार से सबके सामने रखा. साथ ही कांग्रेस और विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि यह बिल विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विकसित गांवों की मजबूत नींव रखेगा और ग्रामीण परिवारों को रोजगार, आजीविका और बुनियादी सुविधाओं की गारंटी देगा.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने मनरेगा को सही मायनों में ताकत दी है, जबकि कांग्रेस सरकार ने इसके नाम पर केवल ढोंग किया. उन्होंने आरोप लगाया कि 2009 के चुनाव के समय राजनीतिक लाभ के लिए नरेगा के नाम के साथ महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों को पर्याप्त रोजगार नहीं दिया, जबकि मोदी सरकार ने ग्रामीण रोजगार के लिए 1.51 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है.
केंद्रीय मंत्री ने सदन में विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि देर रात तक चर्चा के बाद जवाब सुने बिना सदन से निकल जाना लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान है. उन्होंने कहा कि अपनी बात सुना देना और दूसरों की बात न सुनना भी एक तरह की हिंसा है, जो गांधी के आदर्शों के खिलाफ है. शिवराज सिंह ने कहा कि भाजपा गांधीजी को आदर्श मानती है और उनकी सोच को अपनी पंचनिष्ठा में शामिल किया गया है.
VB-G RAM G विधेयक के उद्देश्य पर बात करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि गांधीजी का मानना था कि गांव भारत की आत्मा हैं. अगर गांव मजबूत होंगे, तभी देश मजबूत होगा. यह बिल गांवों के सर्वांगीण विकास का रास्ता खोलता है. उन्होंने बताया कि विधेयक के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में 125 दिनों तक मजदूरी आधारित रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम होगा, जिससे पलायन रुकेगा और गांवों में ही आजीविका के अवसर बढ़ेंगे.
उन्होंने आगे बताया कि VB-G RAM G विधेयक के तहत चार प्रमुख आयामों पर फोकस किया गया है. इनमें जल सुरक्षा और जल संरक्षण, ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, ग्रामीण आजीविका के अवसरों का विस्तार और जलवायु परिवर्तन के अनुरूप ग्रामीण समुदायों की अनुकूलन क्षमता बढ़ाना शामिल है. योजना के तहत तालाब, कुएं, माइक्रो इरिगेशन चैनल, वृक्षारोपण, सड़क, पुलिया, ग्राम पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, स्कूल, पुस्तकालय और सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है कि हर गांव आत्मनिर्भर बने और हर महिला आर्थिक रूप से सशक्त हो. लखपति दीदी अभियान के तहत अब तक दो करोड़ से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं और लक्ष्य तीन करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल रोजगार की गारंटी नहीं देता, बल्कि सम्मानजनक जीवन और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है.
शिवराज सिंह ने मनरेगा के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जहां 153 लाख काम पूरे हुए, वहीं मोदी सरकार के कार्यकाल में 862 लाख काम पूरे किए गए. महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत से बढ़कर 56.73 प्रतिशत हो गई. आधार सीडिंग और पारदर्शी भुगतान प्रणाली लागू कर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई गई. परिसंपत्तियों के निर्माण में भी बड़ा अंतर आया है, जहां पहले 29.45 लाख परिसंपत्तियां बनीं, वहीं अब 5.62 करोड़ से ज्यादा परिसंपत्तियां तैयार हुई हैं.
चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधीजी के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी ने उनके आदर्शों को कभी नहीं अपनाया. आपातकाल, भ्रष्टाचार और घोटालों के जरिए गांधीजी के सिद्धांतों की हत्या की गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने योजनाओं और संस्थानों के नाम अपने परिवार के नेताओं के नाम पर रखकर महिमामंडन किया, जबकि मोदी सरकार का जोर केवल काम पर है, नामकरण पर नहीं.
वहीं, विपक्ष की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लिए जाने पर पलटवार करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण का केंद्र है और देशभक्त, ईमानदार, परिश्रमी नागरिक तैयार करता है. उन्होंने कहा कि संघ के विचार कभी संकीर्ण नहीं रहे और उसके कार्यकर्ता व्यक्तिगत हितों से ऊपर राष्ट्र निर्माण में लगे हैं.
इसके अलावा भेदभाव के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए पूरा देश एक है. चेन्नई हो या गुवाहाटी, सभी भारत के हिस्से हैं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती और देश के संपूर्ण विकास को अपना कर्तव्य मानती है.