किसानों की आय दोगुनी करने का वादा सिर्फ एक जुमला...राज्‍यसभा में कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सरकार पर बोला हमला

किसानों की आय दोगुनी करने का वादा सिर्फ एक जुमला...राज्‍यसभा में कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सरकार पर बोला हमला

राज्‍यसभा में गुरुवार को बजट पर चर्चा हुई जिसमें से कृषि सेक्‍टर को मिले बजट पर विस्‍तार से चर्चा की गई. इस दौरान कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और समाजवादी पार्टी (एसपी) के राम गोपाल यादव ने केंद्र की मोदी सरकार को किसानों की आय से लेकर प्राकृतिक आपदा की वजह से खेती को होने वाले नुकसान पर जमकर घेरा.

क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 01, 2024,
  • Updated Aug 01, 2024, 8:22 PM IST

राज्‍यसभा में गुरुवार को बजट पर चर्चा हुई जिसमें से कृषि सेक्‍टर को मिले बजट पर विस्‍तार से चर्चा की गई. इस दौरान कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और समाजवादी पार्टी (एसपी) के राम गोपाल यादव ने केंद्र की मोदी सरकार को किसानों की आय से लेकर प्राकृतिक आपदा की वजह से खेती को होने वाले नुकसान पर जमकर घेरा. दोनों ही नेताओं का मानना था कि सरकार के इंतजाम ऐसे नहीं है कि किसानों को फायदा हो या फिर उनकी आय में इजाफा हो. सुरजेवाला का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल में किसानों की आय को दोगुना करने का जो वादा किया था, वह सिर्फ एक जुमला साबित हुआ है.

सरकार ने रचा किसानों के लिए चक्रव्‍यूह 

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 10 साल से भाजपा सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण को शकुनि की चौपड़ बना रखा है. वक्त की मांग है कि 72 करोड़ किसानों को कौरवों के इस चक्रव्यूह से निजात दिलाई जाए. किसान की आय दोगुनी करने, किसान को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा देने और किसान का दर्द बांटने जैसे कई जुमले गढ़े गए. लेकिन किसान को सिर्फ सरकार की दुत्‍कार, दिल्‍ली की सीमाओं पर नश्‍तरों और लाठियों की मार और आत्‍महत्‍या का हार.  

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आय दोगुनी करने का वादा सिर्फ जुमला 

यह सरकार कसमें किसानों की खाती हैं और लाभ जमाखोरों और धनवानों को पहुंचाती हैं.  दिखावे के लिए दिखावे के लिए किसानों की 'आरती' उतारते हैं, और असलियत में उनकी राह में कील, कांटे और नश्तर बिछाते हैं. मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का वादा जुमला साबित हुआ. 28 फरवरी 2016 में बरेली में पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. लेकिन 24 मार्च 2022 को कृषि पर बनी 37वीं स्‍टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में यह बात मानी गई है कि किसान की आय दोगुनी होने की जगह उल्‍टा कम हो गई है. सुरजेवाला ने इसके साथ ही कई और मसलों पर सरकार को घेरा. 

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प्राकृतिक आपदा से खेती को कैसे बचाएं  

सपा के राज्‍यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने सदन में कहा, 'मैं 2004 से 2008 तक एग्रीकल्‍चर कमेटी का चेयरमैन बना था. कुछ समय के लिए मौजूदा कृषि मंत्री भी उस कमेटी में थे और स्‍वामीनाथन भी बाद में इसमें शामिल हो गए थे. किसान का दुर्भाग्‍य है कि उसे कुदरत पर निर्भर रहना पड़ता है. कभी-कभी गेहूं की फसल पकी होती है और कटने के लिए रेडी होती है तो ओले पड़ जाते हैं और फसल खत्‍म हो जाती है. कभी बाढ़ आ जाती है तो धान की फसल बह जाती है. उनका कहना था कि कुदरत किसी के हाथ में नहीं है. लेकिन सरकार को इन आपदाओं से बचने के लिए क्‍या उपाय किए जा सकते हैं, इस पर विचार करने चाहिए.'  

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गर्मी में खत्‍म हुई गेहूं की फसल 

उनका कहना था कि अबकी बार इतनी गर्मी पड़ी कि गेहूं की उपज 20 से 25 फीसदी तक खत्‍म हो गई. अत्‍यधिक गर्मी की वजह से आलू के फल में तब ग्रोथ होनी थी वह नहीं हो पाई. अगर थोड़ा सा बढ़ जाता तो उसकी उपज कई गुना बढ़ जाती. कुदरत को कोई नहीं रोक सकता है. लेकिन ऐसी स्थिति में जो कीमत किसानों को मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाता है. आलू की पैदावार कम हुई और भाव बढ़ गई तो घाटा नहीं हो पाया है. लेकिन मक्‍के की फसल को खरीदार तक नहीं मिल पा रहे हैं. एमएसपी तो छोड़‍िए, उसे खरीदार नहीं मिलने की वजह से उसके और खराब होने की आशंका है. 

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फूड प्रोसेसिंग नहीं होने से फल सब्जियां बर्बाद 

राम गोपाल यादव ने फूड प्रोसेसिंग जैसे मसले पर भी सरकार को ध्‍यान देने के लिए कहा. उन्‍होंने कहा कि खेती और पशुपालन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. कृषि की हमारी मुख्‍य फसलें गेहूं और धान हैं और इससे जितना ज्‍यादा रेवेन्‍यू मिलता है उससे ज्‍यादा रेवेन्‍यू दूध, मांस और मछली से मिलता है. लेकिन इस पर कोई ध्‍यान नहीं देता है. उससे भी ज्‍यादा खराब स्थिति है कि फूड प्रोसेसिंग पर जितना ज्‍यादा ध्‍यान देना चाहिए, उतना नहीं दिया जा रहा है. इस समय ब्राजील में सबसे ज्‍यादा यानी 80 फीसदी तक फूड प्रोसेसिंग होती है.

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फूड प्रोसेसिंग का सही इंतजाम न होने की वजह से 60 हजार करोड़ रुपये के फल और सब्जियां बर्बाद हो जाते हैं. अगर इसके लिए सही इंतजाम हो जाएं तो भी किसानों को काफी फायदा हो सकता है. पशुपालन की कोई सीमा नहीं है और ऐसे में इस क्षेत्र से आमदनी बढ़ सकती है. ऐसे में इस तरफ ध्‍यान देने की जरूरत है. 

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