महाराष्‍ट्र में नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे को लेकर विरोध-प्रदर्शन, चक्‍का जाम करने पर हिरासत में लिए गए किसान

महाराष्‍ट्र में नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे को लेकर विरोध-प्रदर्शन, चक्‍का जाम करने पर हिरासत में लिए गए किसान

नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के विरोध में महाराष्ट्र के 12 जिलों के हजारों किसानों ने प्रदर्शन किया. किसान अपनी उपजाऊ जमीनों के अधिग्रहण के खिलाफ हैं, जो उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत है। वे प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

Farmer Protest Over Maharashtra Shakti Peeth Highway ProjectFarmer Protest Over Maharashtra Shakti Peeth Highway Project
क‍िसान तक
  • Beed/Solapur,
  • Jul 02, 2025,
  • Updated Jul 02, 2025, 12:41 PM IST

महाराष्‍ट्र में नागपुर गोवा शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे को लेकर विरोध तेज हो गया है. यह एक्‍सप्रेस-वे कई जिलों से होकर गुजर रहा है, जिसमें हजारों किसानों की जमीन अध‍िग्रहित की जा रही है. ऐसे में किसान इसका विरोध कर रहे हैं. इस प्रोजेक्‍ट में कई ऐसी इलाकों की जमीन अध‍िग्रहित की जानी है, जहां स‍िर्फ खेती ही रोजगार का एकमात्र जरिया है. उन इलाकों में रोजगार नहीं है. ऐसे में किसान अपनी जमीन सरकार बेचने के पक्ष में नहीं हैं और विरोध जता रहे हैं.

प्रोजेक्‍ट को रद्द करने की मांग

इसी क्रम में मंगलवार को महाराष्ट्र बीड के प्रभावित किसानों ने नागपुर गोवा शक्तिपीठ राजमार्ग को रद्द करने की मांग की. किसानों ने बीड जिले के अंबाजोगाई तहसील इलाक़े के पिम्पला धायगुडा और बर्दापूर फाटे पर रास्ता रोककर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आंदोलन के दौरान दोनों तरफ गाड़ि‍यों की भीड़ जमा हो गई. क्षेत्र के किसानों ने महायुति सरकार पर आरोप लगाया कि उसने चुनाव के दौरान झूठ बोलकर वोट लिए हैं. किसानों ने कहा कि हमारी जमीनों से महामार्ग जाएगा, मगर उस मार्ग पर हमें ही एंट्री नहीं है.

रास्ता चारों साइट से पैक होने की वजह से हम वहां बिजनेस भी नहीं कर सकते. किसानों ने प्रोजेक्‍ट को रद्द करने को लेकर डिप्‍टी कलेक्टर से निवेदन किया है. वहीं, पिम्पला धायगुडा पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में लिया है. विरोध-प्रदर्शन को लेकर किसान सभा के कार्यकर्ता और वकील अजय बुरांडे ने कहा कि इस सरकार की भूमिका शक्तिपीठ महामार्ग को लेकर पहले से ही किसान विरोधी है. बल प्रयोग करके किसानों को डराया जा रहा है. बुरांडे ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारि‍यों ने गांव-गांव जाकर किसानों को जान से मारने की धमकी दी है. 

मोहोल में किसानों ने चक्‍का जाम किया 

वहीं, शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे के विरोध में किसानों ने मोहोल में श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी किसानों को मोहोल पुलिस ने हिरासत में ले लिया. यह विरोध प्रदर्शन मोहोल में नियोजित शक्तिपीठ राजमार्ग के विरोध में किया गया था. किसानों ने कहा कि रत्नागिरी-नागपुर राजमार्ग इस शक्तिपीठ राजमार्ग के समानांतर है. इसलिए इस शक्तिपीठ राजमार्ग की कोई जरूरत नहीं है.

जमीन की कम कीमत मिलेगी: किसान

इस मार्ग के किनारे की भूमि पहले बंजर थी, लेकिन किसानों ने कड़ी मेहनत करके उस पर खेती की है. आंदोलनकारी किसान श्रीरंग लाले ने कहा कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार किसानों को बाजार मूल्य से चार गुना अधिक मूल्य मिल रहा था. अब 2022 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार किसानों को बाजार मूल्य से दोगुना मूल्य मिलेगा. इसलिए यह शक्तिपीठ मार्ग हम पर न थोपा जाए. 

12 जिलों के किसानों ने किया विरोध-प्रदर्शन

वहीं, प्रोजेक्‍ट को लेकर सांगली में भी किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया. राज्यभर के 12 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया गया. किसानों ने सांगली जिले के अंकाली ब्रिज को रोककर सड़क जाम किया. आंदोलन के समर्थन में सांसद विशाल पाटिल समेत हजारों किसान इस आंदोलन में शामिल हुए. प्रोजेक्‍ट के लिए सांगली जिले के 19 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है. ये सभी जमीनें नदी के किनारे हैं और सिंचित हैं. इस क्षेत्र के किसान गन्ना, अंगूर और केले जैसी फसलों के जरिए इस उपजाऊ भूमि से करोड़ों रुपये कमाते हैं. 

किसान इस बात से बेहद नाराज हैं कि इसी शक्तिपीठ एक्‍सप्रेस-वे पर उनकी जमीन नष्ट हो जाएगी. किसानों ने कहा कि शक्तिपीठ राजमार्ग के लिए जो वास्तविक भूमि अधिग्रहित की जाएगी, उससे जिले के गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होंगे. क्योंकि इस राजमार्ग पर पुलों के लिए जो भराव डालना पड़ेगा, वह बारिश और बाढ़ के पानी के कारण महीनों तक नहीं बह पाएगा, जिससे बची हुई जमीन भी प्रभावित होगी. इससे भविष्य में अलग से नुकसान होगा. (इनपुट- सोलापुर से विजय कुमार/ बीड से रोह‍िदास हातागले)

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