हरियाणा के करनाल जिले के किसानों ने भू-जल का स्तर सुधारने के लिए धान को रोपने की बजाय सीधी बिजाई पर जोर दे रहे हैं. जिसको लेकर युवा किसान सुमित ने सरकार का भरपूर साथ दिया है.
सुमित बताते हैं कि उनका परिवार पुराने समय से ही खेती-बाड़ी से जुड़ा है. इस बार उन्होंने 07 एकड़ के खेत में धान की रोपाई करने की बजाय सीधी बिजाई विधि का उपयोग करते हुए खेती की है.
किसान सुमित ने बताया कि वे पिछले 05 सालों से धान की सीधी बिजाई करते आ रहे हैं और अपने आस-पास के किसानों को भी रोपाई छोड़ इस पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
सुमित ने कहा कि सीधी बिजाई विधि से की गई धान की खेती में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है. इसके अलावा गांवों में लेबर की समस्या रहती है, सीधी बिजाई में लेबर की जरूरत नहीं होती है.
किसान ने बताया आने वाले समय मे पानी की समस्या बढ़ने वाली है.धान की सीधी बिजाई कर पानी की बचत भी कर सकते है, उन्होंने बताया कि 131 पीआर धान की वैरायटी लगाई है.
करनाल में कृषि उप निदेशक वजीर सिंह ने बताया कि धान की रोपाई की वजह से हर साल वाटर लेवल 2 से 3 फूट नीचे खिसक रहा है। जो सभी के लिए चिंता का विषय है. इन सब दिक्कतों का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा धान की सीधी बिजाई को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. जिसके सुखद परिणाम सामने आने लगे है.
वजीर सिंह ने बताया कि जिले में करीब 16 हजार किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवेदन किया है कि उन्होंने अपने खेतों में धान की सीधी बिजाई की है. सरकार खेतों में चेकिंग कर रही है अब किसानों को सरकार की ओर से 45 सौ रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी जारी की जाएगी.