छत्तीसगढ़ का बस्तर अगस्त महीने में भीषण बाढ़ की चपेट में है. पूरा संभाग इस समय बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है. सबसे अधिक प्रभावित जिले बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर हैं. अब तक इस आपदा में सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग तीन सौ करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट होने का अनुमान जताया जा रहा है.
भारी बारिश के चलते कई पुल-पुलिया बह गए और अनेकों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से टूट गया. पूरे संभाग में हर जिले में राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां प्रभावित परिवारों को सुरक्षित रखा जा रहा है. सोमवार की रात से लगातार दो दिनों तक हुई मूसलधार बारिश ने बस्तर की सभी नदियों को उफान पर ला दिया है. छोटे-छोटे जंगली नाले भी विकराल रूप में आ गए और कई गांवों को डुबो दिया.
देखते ही देखते सैकड़ों घरों में पानी घुस गया, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, सरकारी दफ्तर तक डूब गए और लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के मांदर गांव में तो पूरा का पूरा गांव डूब गया. सौ से अधिक परिवारों को वहाँ से सुरक्षित निकालकर राहत शिविर में रखा गया है.
दंतेवाड़ा जिले में शंकनी-डंकिनी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया, जिससे आसपास के गांवों में तबाही मच गई. पानी का तेज बहाव देखकर लोग दहशत में आ गए. सुकमा जिले में सबरी नदी के किनारे बसे गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए. घर, दुकानें और सड़कें सब जगह सिर्फ पानी ही नजर आया.
वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 30 और 63 पूरी तरह से जलमग्न होकर बंद हो गए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया और लंबी कतारों में वाहन फंसे रहे. बीजापुर जिले में नाव में जा रहे तीन लोगों की पानी में बहने से मौत हो गई, जिनमे से दो छात्र और एक ग्रामीण थे. जबकि बस्तर जिले के दरभा इलाके में एक कार नाले में बह गई, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. ये सभी तमिलनाडु के रहने वाले थे और जगदलपुर में कार्यरत थे. इस तरह कुल सात लोगों ने इस आपदा में अपनी जान गंवाई है.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, अब तक लगभग तीन सौ करोड़ रुपये की क्षति का प्रारंभिक आकलन किया गया है. सैकड़ों एकड़ में फैली फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. छोटे-छोटे नाले इतने उफान पर आ गए कि अपने रास्ते में आने वाली सड़कों और पुल-पुलियों को बहाकर ले गए. बस्तर में वर्षों बाद पहली बार ऐसा विनाशकारी दृश्य देखने को मिला कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला.
राहत कार्यों में जुटी टीमें हेलीकॉप्टर की मदद से भी लोगों तक सहायता पहुंचा रही हैं. इंद्रावती, गोदावरी, शंकनी-डंकिनी समेत तमाम नदियां अभी भी उफान पर हैं. प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और पुलिस तथा SDRF की टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है. हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं और अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है.