छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार करते हुए भारत इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) और राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयुक्त उपक्रम एन.एस.पी.सी.एल.(N.S P.C.L.) ने भिलाई इस्पात संयंत्र के मरोदा-1 जलाशय में प्रदेश का पहला 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर विद्युत संयंत्र स्थापित कर उसका शुभारंभ किया.
यह परियोजना छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ती है और ग्रीन स्टील उत्पादन की दिशा में भिलाई की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है. इस अवसर पर उद्घाटन निदेशक प्रभारी (सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र) चित्त रंजन महापात्र और निदेशक (वित्त–सेल) डॉ. अशोक कुमार पंडा ने किया.
यह फ्लोटिंग सौर संयंत्र 111.35 करोड़ रुपये की लागत से भिलाई स्टील प्लांट के भूमि में 80 एकड़ जल क्षेत्र में निर्मित किया गया है और प्रतिवर्ष लगभग 34.25 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगा.
संयंत्र की सभी ऊर्जा भिलाई इस्पात संयंत्र की आंतरिक आवश्यकताओं के लिए उपयोग की जाएगी, जिससे हर साल 28,400 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी और 0.23 लाख टन कोयले की बचत होगी. यह परियोजना जलाशय में जल वाष्पीकरण को कम करने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार सृजन में भी योगदान देगी.
भारत सरकार की नीति के तहत इस परियोजना से ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी और पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकेगा. सभा को संबोधित करते हुए प्रभारी निदेशक चितरजंन महापात्र ने कहा कि मरोदा-1 परियोजना संयंत्र में हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है और इसकी सफलता के बाद मरोदा-2 जलाशय पर भी इसी तरह की पहल की जाएगी.
उन्होंने कहा, “सौर ऊर्जा न केवल स्वच्छ है, बल्कि पर्यावरण हितैषी भी है. यह आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित और सतत भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.” मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एनएसपीसीएल) दिवाकर कौशिक ने परियोजना के महत्व और एनएसपीसीएल एवं सेल के बीच सहयोग की सराहना की.
वहीं, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एन.एस.पी.सी.एल) दिवाकर कौशिक ने कहा कि हमारा सेल के साथ 15 मेगावाट का पहला फ्लोटिग प्लांट है. इसके अलावा भिलाई में 20 मेगावाट मरोदा प्लांट और नन्दिनी मे भी 25 मेगावाट को भी मंजूरी मिल जायेगी. भिलाई स्टील प्लांट के प्रभारी निदेशक चितरजंन महापात्र ने कहा कि यह 15 मेगावाट का सोलर प्लांट, छत्तीसगढ़ का पहला फ्लोटिग प्लांट है. भिलाई और छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है.