मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के कटंगी और वारासिवनी क्षेत्र में बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. दरअसल 4 सितंबर को ग्राम आंबेझरी में बाघ ने एक किसान पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी दहशत फैल गई है, जिसके बाद वन विभाग अलर्ट मोड़ पर है और ग्रामीण को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, 65 वर्षीय किसान सेवक राम गोपाले अपने खेत से बैल लेकर घर लौट रहे थे. तभी अचानक बाघ ने उन पर हमला कर दिया. हमले के दौरान बैल भाग निकले और किसान सेवक राम को बाघ से अपनी जान बचाने के लिए काफी देर तक संघर्ष करना पड़ा. किसी तरह जान बचाकर घायल किसान ने ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी. बाद में उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया.
आपको बता दें कि पिछले एक वर्ष में कटंगी वारासिवनी वन परिक्षेत्र में बाघ के हमले की यह पांचवीं घटना है. पहले ही चार ग्रामीण अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, आंबेझरी गांव में यह दूसरी वारदात है, जिसमें ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया है. लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में आक्रोश और दहशत दोनों बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर वन विभाग ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. बढ़ते बाघ हमलों के बीच अब ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
बीते 30 अगस्त को ही बालाघाट जिले के नागझरी-सिरपुर के जंगलों में एक 65 वर्षीय किसान को बाघ ने मार डाला. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी, अधिकारी ने बताया कि पीड़ित मंगरूलाल सर्राती और दो अन्य लोगों के साथ चारा लेने जंगल में गया था. उन्होंने बताया कि वह उनसे अलग हो गया और जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर रामरामा वन क्षेत्र में एक पहाड़ी पर पहुंच गया, जहां एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया, जिससे 65 वर्षीय किसान की मौत हो गई.
बता दें कि ऐसी ही घटना पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला है. दरअसल, 30 अगस्त को सीतापुर में आदमखोर हो चुके तेंदुए ने एक किसान की मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि इसी गांव का रहने वाले 58 वर्षीय किसान राकेश वर्मा घास काटने खेत में गए थे. इसी दौरान तेंदुए ने उन हमला कर दिया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. (अतुल वैद्य की रिपोर्ट)