'पराली नहीं जलाएं तो क्या करें'...FIR की कार्रवाई पर बोले हरियाणा के किसान

'पराली नहीं जलाएं तो क्या करें'...FIR की कार्रवाई पर बोले हरियाणा के किसान

करनाल की अनाज मंडी में पहुंचे किसान शिव कुमार ने कृषि विभाग की कार्रवाई के सवाल पर कहा कि यह काम बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि रोलर बेलर मशीनें काफी कम संख्या में हैं जो थोड़े किसानों का काम कर सकती हैं. इनकी संख्या बढ़नी चाहिए जिससे कि पराली की गांठें बनाई जा सकें.

पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)
कमलदीप
  • Karnal,
  • Oct 23, 2024,
  • Updated Oct 23, 2024, 5:02 PM IST

हरियाणा में पराली जलाने का मामला इस वक्त काफी गर्म है. पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ जिला प्रशासन और कृषि विभाग सख्ती दिखाते हुए नजर आ रहा है. ऐसे किसानों पर कृषि विभाग जहां जुर्माना भी लगा रहा है, तो शिकायत देकर मामला भी दर्ज कराया जा रहा है. किसानों पर हुई इस कार्रवाई को लेकर रोष है. खुद किसान और आमजन इस कार्रवाई को गलत बता रहे हैं और प्रशासन के साथ सरकार को भी दोष दे रहे हैं. इस क्रम में कई किसानों से बात हुई जिन्होंने पराली के मामले में हुई कार्रवाई को गलत बताया और अपनी समस्याएं बताईं.

करनाल की अनाज मंडी में पहुंचे किसान शिव कुमार ने कृषि विभाग की कार्रवाई के सवाल पर कहा कि यह काम बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि रोलर बेलर मशीनें काफी कम संख्या में हैं जो थोड़े किसानों का काम कर सकती हैं. इनकी संख्या बढ़नी चाहिए जिससे कि पराली की गांठें बनाई जा सकें. उन्होंने कहा कि किसान पराली को जलाकर खुश नहीं है, लेकिन जब तक पराली के बेलर नहीं बनेंगे तब तक किसानों के पास इसका कोई भी समाधान नहीं है. 

सरकार के खिलाफ नाराजगी

किसान शिव कुमार ने कहा कि जो किसान पराली जलाएंगे, उन किसानों की फसल रेड जोन में कर दी जाएगी और उसे 2 सीजन तक नहीं खरीदा जाएगा. इस तरह के निर्देश कृषि विभाग ने दिए हैं. किसान शिव कुमार ने कहा कि जब कोई समाधान नहीं होगा तो किसान पराली तो जलाएंगे ही. सरकार को इसका हल निकालना चाहिए क्योंकि किसानों के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वे पराली का कोई समाधान ढूंढें.

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करनाल अनाज मंडी में अपनी उपज लेकर पहुंचे किसान सतपाल ने किसानों पर की जा रही कार्रवाई को बेहद गलत बताया और इस पर रोष व्यक्ति किया. अपनी बात रखते हुए सतपाल ने कहा कि पराली जलाना किसान की मजबूरी है. उन्होंने कहा कि किसान अगर पराली नहीं जलाएगा तो उसका 5-7 हाजर रुपये का नुकसान हो जाएगा. उसकी अगली फसल नहीं होगी. सरकार को इसका कोई समाधान निकलना चाहिए. किसान को पराली हटाने के लिए 75-80 हजार रुपये देना पड़ जाएगा. ऐसे में 50 हजार रुपये का धान नहीं निकलता है तो किसान कहां जाएगा.

...तो भूखा मरेगा किसान

सतपाल ने कहा कि इसका समाधान सरकार को ही करना होगा. अगर सरकार फसल नहीं खरीदेगी किसान कहां जाएगा. खेती को छोड़ देगा, किसान भूखा मरेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को ऊंचा किसान और गरीब मजदूर ने उठाया है और सरकार किसानों को ही बोल रही है कि पराली मत जलाओ. ऐसे में किसान आखिर कहां जाएगा.

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दरअसल, हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई का नियम बनाया गया है. अगर कोई व्यक्ति पराली जलाते पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ एफआईआर करने का नियम है. अगर किसान पराली में आग लगाते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के अलावा उन्हें ई-खरीद पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी जाती है. इससे किसान अपनी उपज को मंडियों में नहीं बेच पाएंगे. यह एंट्री मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर की जा रही है जिससे किसानों में भारी रोष है.

 

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