गुजरात के कच्छ के उमैया गांव से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, इस गांव के एक 8 साल का नन्हा बच्चा, राकेश महेश कोली, 400 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. यह हादसा उस समय हुआ जब मासूम अपनी मां के साथ खेत में चारा लेने गया था और खेलते-खेलते बोरवेल पर रखा पत्थर हटने से 150 फीट की गहराई में जा फंसा. लेकिन इस कहानी में उम्मीद की किरण तब जगी, जब गांव के किसानों और रिश्तेदारों ने हिम्मत और सूझबूझ से इस बच्चे की जान बचा ली.
घटना तब हुई जब राकेश अपने दोस्तों और भाइयों के साथ खेल रहा था, अचानक इस गहरे बोरवेल में गिर गया. उसकी चीखें सुनकर उसकी मां और आसपास के लोग दौड़ पड़े. बच्चे बोरवेल के अंदर से अपनी मां को पुकारना हर किसी का दिल दहला रहा था, जिसे देखकर गांव के बहादुर किसानों ने हार नहीं मानी और उन्होंने तुरंत दो रस्सियां बोरवेल में डालीं और डरे हुए राकेश को हिम्मत बंधाते हुए रस्सी को अपनी कमर और हाथ-पैरों में बांधने को कहा.
राकेश ने हिम्मत दिखाई और रस्सी को पकड़ लिया. ग्रामीणों ने एकजुट होकर उसे धीरे-धीरे ऊपर खींचना शुरू किया. लेकिन तभी एक रस्सी ढीली पड़ गई और राकेश फिर से नीचे गिर गया. यह पल हर किसी के लिए सांसें थाम देने वाला था. लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी. उन्होंने फिर से रस्सी डाली और आखिरकार राकेश को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
इसके बाद राकेश को तुरंत निजी वाहन से पाटन के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पाया कि उसके पैर में फ्रैक्चर है. राकेश के चचेरे भाई हरेशभाई ढोडकिया ने बताया कि अब वह पूरी तरह होश में है और सुरक्षित है. लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर बोरवेल की खतरनाक स्थिति को उजागर कर दिया है.
यह रेस्क्यू ऑपरेशन न केवल एक बच्चे की जिंदगी बचाने की कहानी है, बल्कि गाव के लोगों की एकजुटता और हिम्मत का भी प्रतीक है. इस पूरे रेस्क्यू का लाइव वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राकेश को रस्सी पकड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. वह थकान के बावजूद रस्सी को पकड़े रहा और आखिरकार सुरक्षित बाहर निकल आया. (कौशिक कंठेचा की रिपोर्ट)