Hal Chhath: भगवान बलराम जयंती का किसानों से क्या है संबंध, जानिए इस त्योहार का महत्व

Hal Chhath: भगवान बलराम जयंती का किसानों से क्या है संबंध, जानिए इस त्योहार का महत्व

होली-दिवाली और जन्माष्टमी की तरह ही हल षष्ठी का व्रत भी इनमें से एक है. इसे हल छठ, हर छठ या छठ व्रत के नाम से भी जाना जाता है. अब सवाल है कि आखिर हलषष्ठी क्यों मनाई जाती है? इस बार कब है हरछठ का व्रत? श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का हल षष्ठी से क्या है संबंध? आइए जानते हैं इस बारे में.

भगवान बलराम जयंतीभगवान बलराम जयंती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Aug 14, 2025,
  • Updated Aug 14, 2025, 12:36 PM IST

सनातन धर्म में तीज-त्योहारों और व्रत पूजन का विशेष महत्व है. होली-दिवाली और जन्माष्टमी की तरह ही हल षष्ठी का व्रत भी इनमें से एक है. इसे हल छठ, हर छठ या छठ व्रत के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के लिए रखा जाता है. बता दें कि भगवान बलराम को कृषि संस्कृति का संरक्षक भी माना जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलधर भगवान बलराम की पावन जयंती मनाई जाती है. इस दिन माताएं अपनी संतान के सुखी जीवन और दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं. अब सवाल है कि आखिर हलषष्ठी क्यों मनाई जाती है? इस बार कब है हरछठ का व्रत? श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का हल षष्ठी का क्या संबंध? आइए जानते हैं इस बारे में.

कब है हल छठ का त्योहार

हल छठ के दिन किसान समुदाय खेती के पवित्र उपकरण यानी यंत्र जैसे मूसल, हल और फावड़ा की पूजा करते हैं, जिनका उपयोग भगवान बलराम ने किया था. हल किसानों के लिए भी काफी महत्व रखता है. हल से ही खेती होती है. हल की वजह से किसानों की जीविका चलती है. इस वजह से किसान बलराम जी की जयंती काफी धूमधाम से मनाते हैं. कई क्षेत्रों में इस तिथि पर बड़े आयोजन भी होते हैं. इसके साथ ही किसान इस दिन भरपूर फसल के लिए प्रार्थना करते हैं. ये त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस साल ये त्योहार 14 अगस्त को पड़ रहा है.

क्यों मनाई जाती है हल षष्ठी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, हलषष्ठी का पर्व भगवान बलराम के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. बता दें कि, द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण षष्ठी तिथि को भगवान बलराम जी का जन्म हुआ था. इसलिए इस तिथि को बलराम जयंती भी कहते हैं. हल षष्ठी के दिन बलराम जी और छठ मैया की पूजा करने का विधान है. बलराम ने कृषि उपकरण हल को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया, इसका किसानों और खेती के साथ एक मजबूत संबंध है, इसलिए हर छठ किसानों द्वारा बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है.

त्योहार से जुड़ी मान्यताएं

हलषष्ठी का पर्व कृषि से भी जुड़ा है, क्योंकि बलराम जी को कृषि और बल का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन महिलाएं ऐसी सब्जियों का और ऐसे अन्नों का सेवन करती हैं, जिन्हें बिना हल की मदद से उगाया जाता है. बात करें पूजा अनुष्ठान की तो महिलाएं पूजा स्थल पर भूसे, घास के तने और पलाश से संरचना बनाकर उनकी पूजा करती हैं.

(नोट- यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं.)

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