हरियाणा में इस सीजन में कई जिलों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसी क्रम में पहली बार रोहतक जिले में किसी किसान के खिलाफ पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज की गई है. कृषि पर्यवेक्षक निधि पायल ने डोभ गांव के एक किसान सिलकराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. यह स्थिति तब उभरकर सामने आ रही है, जब यहां के किसानों को दो साल पुराना फसल खराब होने का मुआवजा नहीं मिला है. अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की लोकल यूनिट ने किसानों का अटका पड़ा मुआवजा जारी करने और हरियाणा में किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर दर्ज की गई एफआईआर तुरंत रद्द करने की मांग की है. ऐसा न होने पर प्रदेशव्यापी विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
किसान संगठन ने कहा कि सरकार को वायु प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहराने के बजाय पराली के प्रबंधन पर जोर देने की जरूरत है. एआईकेएस के राज्य सचिव सुमित सिंह ने रोहतक में किसानों के सामने आने वाले कई अनसुलझी चुनौतियों और मुद्दों पर बात की. 'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य सचिव सुमित सिंह ने कहा कि रोहतक जिले में 2022 में गेहूं की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा अभी भी अटका पड़ा है.
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वहीं, रबी-2023 के लिए फसल नुकसान का मुआवजा अभी नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि लगभग दो दर्जन गांवों के किसानों को 20 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. आखिल भारतीय किसान सभा ने राज्य सरकार से अटके हुए मुआवजे को जारी करने और किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है. किसान संगठन ने मांगें पूरी ने होने पर पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
बता दें कि कई जिलों में कृषि विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन पराली जलाने पर एक्शन ले रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को अंबाला जिले में 42 किसानों पर पराली जलाने के आरोप में 1.05 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि 35 किसानों के खिलाफ 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर रेड एंट्री दर्ज की गई है. रेड एंट्री वाले किसान अगले दो सीजन तक इस पोर्टल के माध्यम से सरकारी एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे. इसके पहले सोमवार को कैथल जिले में पराली जलाने के आरोप में 18 किसानों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था.
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