पराली मामले को लेकर आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. इसमें हरियाणा, पंजाब के अलावा केंद्र सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब से पूछा कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कितना जुर्माना लगाया गया है? इस पर पंजाब सरकार ने जवाब दिया कि 417 लोगों से 11 लाख रुपये वसूले गए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए निर्देश दिया कि पराली जलाने वालों के खिलाफ जुर्माने की राशि बढ़ाई जानी चाहिए ताकि वे इस काम को करने से बचें. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जरूरी निर्देश जारी किए.
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि प्रत्येक उल्लंघनकर्ता से कितनी राशि वसूली गई है. इस पर पंजाब सरकार का जवाब रहा कि रकम रकबे के मुताबिक अलग-अलग थी. लेकिन औसतन 2500 रुपये से 5000 रुपये तक जुर्माना वसूला गया है. तब कोर्ट ने कहा कि आप नाममात्र जुर्माना लगा कर लोगों को नियम तोड़ने और कानून हाथ में लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. बाद में सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जुर्माना बढ़ाए जाने पर विचार कीजिए.
पंजाब सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि पराली जलाने के मामले में अब तक 44 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि 3 साल बाद भी हमारे आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. आपने जो 44 मुकदमे दर्ज किए है उनमें किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई? आप बताएं कि इस साल पराली जलाने की कुल कितनी घटनाएं हुई हैं?
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जबाव में पंजाब सरकार ने कहा कि अब तक 1510 घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं. कोर्ट ने पूछा कि इसमें कितनी FIR दर्ज हुई है? पंजाब ने कहा कि 1084 मुकदमे दर्ज किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि 10 जून के CAQM पर आधारित आदेश के बावजूद राज्य ने नोडल और क्लस्टर अधिकारी नियुक्त नहीं किए. आपने अपने हलफनामे मे भी इसका जिक्र नहीं किया है. आप दिखाइए कि ग्राम नोडल अधिकारी और क्लस्टर अधिकारी की नियुक्ति कहां हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर इन अधिकारियों की नियुक्ति हुई है तो ये बताइए कि इन अधिकारियों ने क्या किया है? आपके पिछले हलफनामे में इस बारे में कुछ नहीं लिखा था. पीठ ने पूछा कि हमारे आदेश के बाद भी कमेटी का गठन दो सालों से क्यों नहीं किया? इसका क्या जवाब है आपके पास? आप पराली जलाने वालों पर भी मामूली जुर्माना लगा रहे हैं. आपने अब तक एक तिहाई लोगों से ही जुर्माना वसूला है?
कोर्ट ने कहा कि आपने 1084 में से केवल 470 पराली जलाने के आरोपियों पर ही क्यों मामूली जुर्माना लगाया है? आपने इसी अपराध के आरोपी 600 लोगों से जुर्माना क्यों नहीं लिया? आपने 3 सालों से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के चीफ सेकेट्री से भी सवाल किए. हरियाणा चीफ सेकेट्री ने कहा कि हर स्तर पर हमने नोडल ऑफिस नियुक्त किए हैं जिनकी संख्या 5 हजार से भी ज्यादा है. हमने 2021 से इसकी शुरुवात कर दी थी.
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कोर्ट ने पूछा कि अप्रैल से अब तक कितनी FIR दर्ज हुई है. हरियाणा के वकील ने कहा कि प्रदूषण को लेकर 200 दर्ज हुई हैं. पराली जलाने की 400 छोटी बड़ी घटनाओं मे 32 एफआईआर दर्ज की है. हरियाणा सरकार ने कहा 419 पराली जलाने की अभी तक घटनाएं हुई हैं. SC ने कहा कि आप थोड़ी देर पहले 317 कह रहे थे फिर आप 419 कह रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार "आई वॉश" का काम कर रही है. कुछ लोगों पर FIR और कुछ पर जुर्माना. ये पिक एंड चूज यानी मन मुताबिक किसी को पुचकार और किसी को फटकार का खेल है? सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप आंख में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं.
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