ये चार काम किए तो नहीं काटेगा गली का कुत्ता, जानें डिटेल 

ये चार काम किए तो नहीं काटेगा गली का कुत्ता, जानें डिटेल 

गली के कुत्तों के आक्रामक होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि हम इंसानों ने उनसे उनके रहने और खाने की जगह छीन ली है. पर्यावरण और गंदगी को देखते हुए कुत्तों के खाने-पीने की जगहें बंद हो गई हैं.  इतना ही नहीं कई वजहों से हमने कुत्तों को खाना डालना भी बंद कर दिया है. 

गली के कुत्तों का प्रतीकात्मक फोटो. गली के कुत्तों का प्रतीकात्मक फोटो.
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jun 14, 2023,
  • Updated Jun 14, 2023, 1:45 PM IST

यूपी के अलीगढ़ में कुत्तों के झुंड ने तीन अलग-अलग घटनाओं में बच्चे समेत तीन बड़े लोगों की जान ले ली. बिजनौर में भी कुत्तों ने एक व्यिक्ति को नौंच-नौंचकर जान से मार दिया. सीतापुर में कुत्तों ने बड़ी संख्या में लोगों को काट कर घायल कर दिया था. नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बारे में कुत्तों के काटने के बाद होने वाली घटनाएं किसी से छिपी नहीं हैं. अगर बात गर्मी की करें तो इस तरह की घटनाएं और बढ़ जाती हैं. कुत्ते बच्चे और बड़ों सभी पर अटैक करना शुरू कर देते हैं. 

लेकिन डॉग स्पेशलिस्ट और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (गडवासु), लुधियाना में डॉग डिपार्टमेंट के मेडिसिन हैड डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा का कहना है कि अगर हम छोटे-छोटे तीन-चार काम कर लें तो गली के कुत्ते कभी नहीं काटेंगे. खासतौर पर गर्मी के मौसम में उन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. 

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ये चार काम जरूर करें गली के कुत्तों संग 

डॉ. अश्व नी कुमार शर्मा ने किसान तक को बताया कि खासतौर पर गर्मी के इस मौसम में कुत्ते  बहुत आक्रामक हो जाते हैं. उसकी वजह ये है कि 40 से 45 डिग्री तापमान होने पर उनकी यह गर्मी और बढ़ जाती है. इंसानों की तरह से कुत्तों की गर्मी पसीने की तरह से नहीं निकलती है. मुंह के रास्ते ली जाने वाली सांस से वो अपने शरीर की गर्मी को मेंटेन करते हैं. जब गर्मी बहुत बढ़ जाती है तो ऐसा करने में उन्हें बहुत तकलीफ होती है. इसके चलते उनके अंदर चिढ़ चिढ़ापन आ जाता है. 

आसपास घने पेड़ न होने के चलते उन्हें छांव भी नहीं मिल पाती है. घर के आसपास ठंडी जगह में हम उन्हें बैठने नहीं देते हैं. कार के नीचे बैठें तो हम उन्हें मारने लगते हैं. ऐसे वक्त न तो उन्हें खाना ही मिल पाता है और ना ही पानी. ऐसा भी नहीं होता है कि कोई उनके बदन पर पानी डाल दे तो उन्हें कुछ राहत मिले. जागरुकता की कमी के चलते लोग गली के कुत्तों की परेशानी को समझ नहीं पाते हैं. 

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इन्हें भी प्यार मिले तो ये और ज्या‍दा प्यार देते हैं 

डॉ. अश्वानी ने बताया कि गली के कुत्तों के लिए जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए. डी वॉर्म और वैक्सीनेशन करके इन कुत्तों को भी गोद लिया जा सकता है. घर में इन्हें दूसरे पैट की तरह से रखा जा सकता है. चौंकाने वाली बात यह है कि जब इन्हें इस तरह से प्यार मिलता है तो बदले में यह दूसरी ब्रीड के कुत्तों के मुकाबले ज्या‍दा प्यार देते हैं और वफादार भी रहते हैं. इनकी नसबंदी करा कर और किसी एनजीओ की मदद से समय-समय पर इन्हें इलाज देकर भी गली के अंदर अच्छी तरीके से रखा जा सकता है. जरूरत है बस जागरुकता की और इनके साथ प्यार से पेश आने की.    

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