खेती के अधिक रकबे और अनुकूल मौसम की वजह से चालू रबी सीजन में बंपर फसल उत्पादन होने की संभावना है. इस बार सभी रबी फसलों के तहत रकबा में एक साल पहले से तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं धान को छोड़कर रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. इसके अलावा अगले दो महीनों में 30 लाख हेक्टेयर और रकबा कवर किए जाने की संभावना है. इससे रबी फसलों के तहत कुल रकबा 730 लाख हेक्टेयर से अधिक हो सकता है. चालू सीजन में सभी रबी फसलों का कुल रकबा फिलहाल एक साल पहले के 678.78 लाख हेक्टेयर से मुकाबले 700.92 लाख हेक्टेयर हो गया है. ऐसे में आइए जानते हैं चालू रबी सीजन में किस फसल का कितना रकबा बढ़ा है-
सरकार इस वर्ष गेहूं के बंपर उत्पादन की उम्मीद कर रही है. वहीं कृषि विशेषज्ञों ने चालू रबी सीजन में 112 मिलियन टन के रिकॉर्ड उत्पादन की भविष्यवाणी की है. हालांकि, अगले दो महीनों तक तापमान अनुकूल बना रहे. 27 जनवरी को गेहूं का रकबा 0.37 प्रतिशत बढ़कर 341.85 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 340.56 लाख हेक्टेयर था.
इसे भी पढ़ें: Budget 2023-24: एग्रीकल्चर में शामिल हो डेयरी तो होंगे दो बड़े फायदे-आरएस सोढ़ी
कृषि मंत्रालय ने अपने साप्ताहिक अपडेट में कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार के रकबे में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि गेहूं की फसल की स्थिति अभी अच्छी है और एक या दो दिन में बारिश का एक और दौर शुरू होने वाला है जैसा कि आईएमडी द्वारा भविष्यवाणी की गई है, इससे पौधे की वृद्धि में मदद मिलेगी.
साप्ताहिक डेटा के अनुसार राजस्थान में 2.52 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.28 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.28 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.52 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 0.44 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 0.22 लाख हेक्टेयर, जम्मू-कश्मीर में 0.08 लाख हेक्टेयर और असम में 0.03 लाख हेक्टेयर गेहूं का रकबा बढ़ा है.
तिलहन फसलों का रकबा 100.50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 108.34 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसमें से रेपसीड/सरसों की फसल का जो पहले 90.23 लाख हेक्टेयर था अब वह 97.17 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं रबी दलहन का रकबा एक साल पहले की अवधि में 164.51 लाख हेक्टेयर के मुकाबले मामूली बढ़कर 165.35 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसमें से चना का रकबा 112.89 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम होकर 111.35 लाख हेक्टेयर हो गया है. मसूर का रकबा 17.55 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 18.49 लाख हेक्टेयर हो गया है.
इसे भी पढ़ें: धान की 206 बोरियों में मिले पत्थर, रेत और कंकड़, बड़े खरीद घोटाले का पर्दाफाश
मोटे अनाजों का रकबा 49.57 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 51.90 लाख हेक्टेयर हो गया है. जिसमें मक्का का रकबा 19.2 प्रतिशत बढ़कर 21.36 लाख है. बीयर बनाने के लिए डिस्टिलरीज द्वारा उपयोग किए जाने वाले जौ का कवरेज 6.79 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.45 लाख हेक्टेयर हो गया है. सर्दियों में उगाए जाने वाले धान का रकबा एक साल पहले की अवधि के 23.64 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 33.49 लाख हेक्टेयर हो गया है.