आज के दौर में डेयरी फार्मिंग ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहरी इलाकों में भी एक उन्नत और मुनाफेदार बिजनेस के तौर पर उभरा है. लेकिन जब भी डेयरी की बात होती है तो भैंसों को ही तवज्जोह दी जाती है. भैंसों में भी डेयरी के लिए खास तौर पर एक ही नस्ल की सबसे ज्यादा डिमांड आती है - मुर्रा भैंस. ये एक ऐसी नस्ल है जो भैंस की दूसरी नस्लों से लगभग हर मायने में अलग होती है. मुर्रा भैंस को साफ-सफाई बेहद पसंद होती है और साथ ही इस भैंस को आराम भी बहुत पसंद है. यही वजह है कि इस भैंस को लोग खानदानी भैंस कहते हैं.
दरअसल, मुर्रा भैंस भारत में सबसे प्रसिद्ध और सबसे ज्यादा दूध उत्पादक नस्लों में से एक है. ये भैंस खासकर हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पाली जाती है. इसकी पहचान इसके मजबूत और भरे हुए शरीर से की जाती है. स्वभाव से ये भैंस बेहद शांत और सीधी होती है. मुर्रा भैंस हमेशा साफ-सुथरी जगह पर रहना पसंद करती है. इसके इर्दगिर्द अगर गंदगी, मल-मूत्र या कीचड़ हुआ तो ये बैठना भी पसंद नहीं करती.
बरसात के दिनों में अगर मुर्रा भैंस के शेड में नीचे कीचड़ हो जाए तो ये पूरी रात खड़े-खड़े बिता देती है. रातभर खड़े रहने से भैंस स्ट्रेस में आती है, जिसके कारण इसका दूध भी घट जाता है. यही वजह है कि मुर्रा भैंस को साफ-सफाई विशेष पसंद है.
पशु एक्पर्ट्स की मानें तो मुर्रा भैंस अत्यधिक संवेदनशील होती हैं. इन भैंसों का स्वभाव शांत होता है मगर साथ ही ये सतर्क भी रहती है. इसलिए ये भैंसें थोड़ी सी भी तकलीफ या परेशानी में जल्दी तनाव में आ जाती हैं. अगर शेड का वातावरण गंदा या असुविधाजनक होगा, तो सीधे तौर पर मुर्रा भैंस का दूध उत्पादन घटने लगता है.
संवेदनशील होने की वजह से गंदे और कीचड़ भरी जगह पर रहने से मुर्रा भैंसों को त्वचा संबंधी रोग, थनों में संक्रमण (मास्टाइटिस), खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियां होने की संभावना ज्यादा होती है. यही वजह है कि मुर्रा भैंस पालने के लिए शेड साफ-सुथरा रखना बहुत जरूरी है.
मुर्रा भैंस के साफ-सफाई और आराम पसंद नेचर की वजह से इसके लिए अलग से मैंटिंग लाई गईं. जो पशुपालक डेयरी फार्मिंग में मुर्रा भैंस पालते हैं, वे मुर्रा भैंस के लिए खास तौर पर शेड के फ्लोर पर ये मैटिंग बिछाते हैं. फ्लोर पर मैटिंग बिछाने से फर्श साफ-सुथरा रहता है और साथ ही ये भैंस के लिए सॉफ्ट और आरामदायक हो जाता है. इससे भैंस ना तो स्ट्रेस में आती और आराम बैठने के लिए भी आराम हो जाता है. मुर्रा भैंस के लिए मैटिंग बिछाने से इसका दूध उत्पादन बढ़ जाता है. मुर्रा भैंस के लिए चलन में आई मैटिंग अब डेयरी फार्मिंग में भैंस की अन्य नस्लों और दूसरे पशुओं के लिए भी इस्तेमाल होने लगी है.
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