रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते गेहूं की मांग बीते साल मार्च से ही आसमान पर हैं, जिसका असर देश में भी देखने को मिला है. नतीजतन बीते कई महीनों से गेहूंं और आटे के दाम आसमान पर है. वहीं इन बढ़े हुए दामों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है. जिसके तहत बीते दिनों ही एफसीआई से खुले बाजार में गेहूं की आपूर्ति की गई है. वहीं इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने भारत ब्रांड आटा लांच किया है. नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) भारत ब्रांड को लांच किया. जिसकी कीमत 29.5 रुपए प्रति किलो रखी गई है.
केंद्र सरकार ने तय किया है कि भारत ब्रांड आटा आम ग्राहकों को 6 फरवरी से उपलब्ध कराया जाएगा. केंद्र सरकार ने यह फैसला तब लिया है, जब बाजार में आटे के भाव 34 रुपये किलो से अधिक चल रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि भारत ब्रांड आटे से आम ग्राहकों को फायदा होगा.
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि खाद्य अर्थव्यवस्था में बढ़ती कीमतों के कारण उपभोक्ताओं को आटे की आपूर्ति कराने के मामले रिव्यू मीटिंग की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय मोबाइल वैन के जरिए भी लोगों तक आटा पहुंचाने की व्यवस्था करेगा. इसके अलावा आटे की पैकेट पर बड़े अक्षरों में ब्रांड का नाम और उसकी कीमत भी लिखी होगी.
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि ओपन मार्केट सेल स्कीम पर चर्चा करते हुए उसके विकास पर भी ध्यान दिया गया है. FCI, केंद्रीय भंडार, NAFED और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) के अधिकारियों से मुलाकात कर यह निर्णय लिया गया है कि ये सभी संस्थान एफसीआई डिपो से 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर उसका आटा बनाएंगे और मोबाइल बैन के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेचा जाएगा.
ये भी पढ़ें एक रुपया किलो भी नहीं मिल रहा गोभी का दाम, किसानों ने ट्रैक्टर से रौंदी फसल
इस आटे की कीमत 29.50 रुपए प्रति किलो निर्धारित की गई है. केंद्रीय भंडारों ने आटे की निर्धारित कीमत को लागू कर दी है. लेकिन, एनसीसीएफ और नेफेड 6 फरवरी से आटे की नई कीमतों पर आटा बेचेंगे.
लगातार आटे की बढ़ती कीमतों को देखते हिए देश में भारत ब्रांड के आटे की कीमत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक निश्चित कीमत तय कर दी है जिसमें कई खाद्य संस्थाओं ने इस कीमत को लागू करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. इसके अलावा उपभोक्ताओं को आटे की आपूर्ति आसानी से हो सके इसके लिए मोबाइल वैन के माध्यम से आटा पहुंचाने का प्रावधान भी रखा है.