पशुधन भारतीय अर्थव्यवस्थार में कृषि का एक अहम हिस्सा है. बीते नौ साल से ये तेजी के साथ बढ़ रहा है. कुल सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) में पशुधन का योगदान लगभग 30 फीसद पर पहुंच गया है. दूध हो या फिर अंडा, मीट और चिकन सभी में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है. दूध के मामले में भारत विश्वभर के दूसरे देशों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा रफ्तार से तरक्की कर रहा है. पोल्ट्री सेक्टर में भी भारत ने बड़ी लकीर खींची है. ये कहना है केन्द्रीय मत्स्य -पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला का. केन्द्र सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर वो मंत्रालय की उपलब्धियां गिना रहे थे.
पशुपालन और डेयरी विभाग देशभर में इसके विकास और प्रचार के लिए कई तरह की योजनाएं लागू कर रहा है. केन्द्र सरकार पहले ही 2026 तक देशभर में पशुपालन और डेयरी के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई बड़ी योजनाओं में संशोधन करने के साथ ही एक विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज को मंजूरी दे चुकी है.
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मंत्री परषोत्तम रूपाला ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि भारत में पशुधन और मुर्गी पालन के विशाल संसाधन हैं, जो ग्रामीण जनता की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में अहम रोल निभाते हैं. 20वीं पशुधन जनगणना के मुताबिक देश में लगभग 303.76 मिलियन गोवंश (मवेशी, भैंस, मिथुन और याक), 74.26 मिलियन भेड़, 148.88 मिलियन बकरियां, 9.06 मिलियन सूअर और लगभग 851.81 मिलियन मुर्गियां हैं. जरूरत सिर्फ इनका पालन कर योजनाओं का लाभ उठाने की है.
मंत्री परषोत्तम रूपाला ने एक अहम जानकारी देते हुए बताया कि अकेले डेयरी सेक्टर ऐसा है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पांच फीसद का योगदान देता है. आज देश में आठ करोड़ से ज्यादा किसान सीधे डेयरी सेक्ट्र से रोजगार पा रहे हैं. भारत आज विश्व के दूध उत्पादन में 23 फीसद का बड़ा योगदान देता है. बीते आठ साल में देश में दूध उत्पादन 51.05 फीसद बढ़ गया है. साल 2014-15 के दौरान दूध का उत्पादन 146.3 मिलियन टन था जो साल 2021-22 में बढ़कर 221.06 मिलियन टन हो गया है.
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खुशी की बात ये हैं कि विश्व में जहां 1.2 फीसद की रेट से दूध का उत्पादन बढ़ रहा है, वहीं भारत में ये रफ्तार 6.4 फीसद है. साल 2021-22 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रति दिन पर पहुंच चुकी है. वहीं साल 2020-21 में ये आंकड़ा 394 ग्राम प्रति दिन था.
परषोत्तम रूपाला ने अंडा और मीट उत्पादन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि (FAOSTAT) डेटा 2020 के अनुसार, भारत विश्व में अंडा उत्पादन में तीसरे और मीट उत्पादन में आठवें स्थान पर है. देश में अंडा उत्पादन 2014-15 में 78.48 बिलियन से बढ़कर साल 2021-22 में 129.60 बिलियन पर पहुंच गया है. देश में अंडे का उत्पादन आठ फीसद की दर से हर साल बढ़ रहा है. 2021-22 में अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 95 अंडे प्रति वर्ष सामने आई है. देश में मीट का उत्पादन 2014-15 में 6.69 मिलियन टन से बढ़कर साल 2021-22 में 9.29 मिलियन टन पर पहुंच गया है.