दूध के रेट को लेकर महाराष्ट्र के डेयरी किसान अब आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. राज्य के ज्यादातर डेयरी किसान संगठनों ने अब सरकार के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया है. संगठनों के मुताबिक 25 जून से राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो जाएंगे. और जब तक सरकार दूध के दाम बढ़वाने का काम नहीं करेगी विरोध जारी रहेगा. मंगलवार से डेयरी किसान स्टेट हाइवे जाम करेंगे. वहीं एक जुलाई से पदयात्रा शुरु होगी. राज्य के दूध मंत्री के गांव में किसान अनशन शुरु करेंगे. किसान अन्न त्याग करेंगे.
अगर जल्द ही मांग नहीं मानी तो जल त्याग भी किया जाएगा. ये सब कुछ अनिश्चितकालीन होगा. डेयरी किसानों का आरोप है कि महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां पड़ोसी राज्यों के मुकाबले डेयरी किसानों को दूध के बहुत कम रेट दिए जा रहे हैं. साथ ही किसानों को कोऑपरेटिप में भी शामिल नहीं किया जा रहा है.
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महाराष्ट्र शेतकरी दूध उत्पादन संघटन के वाइस प्रेसडिेंट अजित दादा काले ने किसान तक को बताया, ‘25 जून से हम महाराष्ट्र के स्टेट हाइवे जाम करेंगे. सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक हाइवे जाम किए जाएंगे. इसकी शुरुआत अहमदनगर से होगी. इसके बाद हर रोज और कहीं-कहीं दो दिन बाद किसी ना किसी शहर और तहसील में हाइवे जाम किया जाएगा. अगर कोई अफसर मौके पर आकर हमारी मांग सुनता है और ज्ञापन लेता है तो उसके बाद जाम खोल दिया जाएगा. अगर कोई नहीं आता है तो शाम तक रास्ता रोको अभियान जारी रहेगा. हमारा ये विरोध-प्रदर्शन 15 जुलाई तक चलेगा. पूरे महाराष्ट्र में हाइवे जाम कर सरकार को दूध से जुड़ी मांगों से अवगत कराया जाएगा.’
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दूध के सही दाम ना मिलने के विरोध में डेयरी किसान पदयात्रा करेंगे. पदयात्रा के आयोजक ज्योतिराम जाधव ने किसान तक को बताया, ‘एक जुलाई को हमारी पदयात्रा सतार जिले से शुरु होगी. अगले दिन पदयात्रा अहमदनगर पहुंचेगी. जहां महाराष्ट्र के डेयरी मंत्री के गांव में पदयात्रा का ठहराव होगा. गांव में मौजूद डेयरी मंत्री के दादा की समाधि पर डेयरी किसान अन्न त्याग कर अनशन की शुरुआत करेंगे. अगर चार-पांच दिन में सरकार ने सुनवाई नहीं की तो जल त्याग भी किया जाएगा. सरकार द्वारा डेयरी किसानों की मांगे ना माने जानते तक अनशन अनिश्चितकालीन चलेगा.’