आमतौर पर कृषि या किसान मेलों में खेती से जुड़ी बड़ी-बड़ी मशीनरी दिखाई जाती है. बीज की उन्नत किस्में आती हैं. खेती के नए-नए वैज्ञानिक तौर-तरीकों के बारे में बताया जाता है. लेकिन हाल ही में पंजाब एग्रीकलचर यूनिवर्सिटी, लुधियान की ओर से आयोजित किसान मेले में दो चीजें सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहीं थी. एक था कैंसर जागरुकता और निदान का स्टॉल जो मेले में आने वालों को अपना किसान मित्र बना रहा था. हालांकि मेले में एक खतरनाक बीमारी का स्टाल होना सबको चौंका रहा था.
लेकिन फिर भी लोगों का आना-जाना इस स्टॉल पर लगा हुआ था. वहीं इस स्टॉल से थोड़ा सा अलग हटकर खड़े 70 साल के मर्चेन्ट नेवी से रिटायर सेखों के गले में एक तख्ती डली हुई थी. सेखों कैंसर का कारक और नाला बनी एक नदी को बचाने की गुहार लगा रहे थे. लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं था.
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किसान मेले में लगे कैंसर सेंटर ऑफ अमेरिका (सीसीए) के स्टाल पर मिले इंचार्ज निशांत ने किसान तक को बताया कि पंजाब के गांवों में कैंसर के मरीज बहुत बढ़ रहे हैं. लेकिन कैंसर से जुड़ी जागरुकता की कमी है. लोगों को यह नहीं पता कि कैंसर कैसे होता है और ठीक तरह से उसका इलाज क्या है.
इसीलिए इस मेले में हम किसान मित्र बना रहे हैं. उन्हें किसान मित्र का एक कूपन दे रहे हैं. इस कूपन को दिखाकर वो हमसे जुड़े एक अस्पताल में जा सकते हैं. कूपन दिखाने पर उन्हें फ्री परामर्श मिलेगा. वहीं कैंसर का इलाज सब्सिडाइज्ड रेट पर होगा. हमारा एक हेल्पलाइन नंबर भी है. यहां हमारे डॉक्टर बात करते हैं.
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70 साल के सेखों 10 साल पहले मर्चेन्टा नेवी से रिटायर हो चुके हैं. किसान तक की मुलाकात जब सेखों साहब से हुई तो वो किसान मेले में सीसीए के स्टॉल के पास गले में तख्ती डाले और हाथ में कुछ पेम्प लेट लिए हुए खड़े थे. जब हमने उनसे इस सब के बारे में जानना चाह तो उन्होंने बताया कि बारिश के पानी से बनने वाली एक नदी बुद्धा दरिया लुधियाना में बहती थी. बाद में यह सतलुज नदी में मिल जाती थी. आज भी बहती है, लेकिन अब इसे नाले का नाम दे दिया गया है. इसे बुद्धा नाला कहा जाने लगा है.
लुधियाना के अंदर आने पर इसका पानी भी जहरीला हो जाता है. टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ ही और दूसरे खतरनाक कैमिकल इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्री भी अपना वेस्ट पानी इसमे छोड़ रही हैं. जिसके चलते बुद्धा दरिया सतलुज के पानी को खराब कर रही है. इतना ही नहीं नदी किनारे से सटी जमीन की मिट्टी भी खराब हो रही है.
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