हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य की सभी 3,645 पंचायतों में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया ताकि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जल्दी और प्रभावी तरीके से मदद पहुंचाई जा सके और मानव जीवन तथा संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. इस पहल से आपदा प्रबंधन में पंचायत स्तर पर मजबूत नेटवर्क तैयार होगा, जिससे नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी.
कैबिनेट ने स्व-रोजगार को प्रोत्साहित करने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं को भी समर्थन देने का निर्णय लिया है. इसके तहत जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से 1 मेगावाट तक की सौर परियोजनाओं के लिए पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जबकि गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की परियोजनाओं को चार प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलेगी. इससे न केवल ऊर्जा क्षेत्र में विकास होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.
इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश ऊर्जा विकास एजेंसी (HIMURJA) और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. योजना के अनुसार, 100 पंचायतों में 500 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाए जाएंगे. प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख रुपये प्रति माह की आय होने का अनुमान है, जिसमें से 30 प्रतिशत HIMURJA को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार को और 40 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को प्राप्त होगा. इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायतों को 10 प्रतिशत आय अनाथ और विधवाओं के कल्याण के लिए विशेष रूप से आवंटित की जाएगी. यह योजना ग्राम स्तर पर आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक कल्याण को भी बढ़ावा देगी.
कैबिनेट ने राज्य में Level-11 के पदों को Group-B से Group-C में पुनर्वर्गीकृत करने का फैसला किया है. इस बदलाव के बाद इन पदों के लिए केवल हिमाचल के स्थायी निवासी ही आवेदन कर सकेंगे. साथ ही, भर्ती प्रक्रिया भी हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग द्वारा संचालित होगी, जो Group-C पदों के नियमों के अनुसार काम करेगा. इससे पहले ये भर्तियां हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती थीं, जिसमें देशभर के उम्मीदवार आवेदन कर सकते थे. इस फैसले से स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरी में अधिक अवसर मिलेंगे.
सरकार ने पब्लिक वर्क्स विभाग के मल्टी टास्क वर्कर्स का मानदेय बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति माह करने का फैसला किया है. इस फैसले से लगभग 5,000 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा, जिला पुलिस देहरा के पुलिस लाइंस में विभिन्न श्रेणियों के 101 नए पद बनाए जाएंगे और भरे जाएंगे. किसानों के लिए भी एक खुशखबरी है, क्योंकि सरकार ने दूध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए मिल्क इंसेंटिव योजना शुरू की है. इसके तहत पात्र गैर-सरकारी डेयरी सहकारी समितियों को दूध सप्लाई करने वाले किसानों को प्रति लीटर तीन रुपये की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी.
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है. यह कदम कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित करने के अनुरूप है. इससे न केवल धर्मशाला क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शिमला शहर की भीड़ और ट्रैफिक की समस्या में भी कमी आएगी.
हिमाचल प्रदेश सरकार के ये फैसले पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन को मजबूत करने, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने की दिशा में अहम साबित होंगे. साथ ही, सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को बढ़ावा देने और सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने से प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी. ये पहल हिमाचल प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं.
ये भी पढ़ें:
भारत ने बांग्लादेशी जूट पर लगाई रोक, किसानों और उद्योग को मिलेगी राहत
पेड़ों की कटाई आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मॉडल नियम किए जारी, जानें क्या हुआ बदलाव