उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है. अब राज्य के किसान कृषि कार्यों में आधुनिकता लाने के लिए कृषि ड्रोन और अन्य कृषि मशीनरी खरीद सकते हैं, उस पर सरकार उन्हें सब्सिडी दे रही है. इस कदम का उद्देश्य खेती को अधिक उत्पादक, सटीक और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है. खासकर ड्रोन तकनीक के माध्यम से अब छिड़काव जैसे कार्य तेज़ी और कुशलता से पूरे किए जा सकेंगे.
कृषि ड्रोन खेती के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं. ये ड्रोन खेतों में खाद, कीटनाशक और पानी का छिड़काव करने में इस्तेमाल होते हैं, जिससे समय, श्रम और लागत की बचत होती है. पारंपरिक तरीकों की तुलना में ड्रोन अधिक सटीकता से कार्य करते हैं और कम संसाधनों में बेहतर परिणाम देते हैं. इसके साथ ही, खेतों का सर्वेक्षण, फसल की निगरानी और बीमारियों की पहचान जैसे काम भी अब आसान हो गए हैं. यूपी सरकार का यह कदम किसानों को 21वीं सदी की स्मार्ट खेती की ओर ले जाएगा.
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को [www.agridarshan.up.gov.in](http://www.agridarshan.up.gov.in) पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया 27 जून से शुरू हो चुकी है और 12 जुलाई 2025 तक चलेगी. पोर्टल पर जाकर किसान "किसान कॉर्नर" सेक्शन में मौजूद "यंत्र बुकिंग प्रारंभ" विकल्प पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म भर सकते हैं. वेबसाइट पर कृषि यंत्रों की पूरी जानकारी, सब्सिडी प्रक्रिया, और बुकिंग से जुड़ी जरूरी जानकारियाँ सरल भाषा में उपलब्ध हैं, जिससे किसानों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी.
हालांकि इस योजना के तहत कई तरह की कृषि मशीनरी पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन कृषि ड्रोन इस पहल का मुख्य आकर्षण हैं. इनके अलावा सरकार हाई-टेक हब फॉर कस्टम हायरिंग, फार्म मशीनरी बैंक, कंबाइन हार्वेस्टर, मक्का शेलर, गन्ना पॉवर वीडर, प्लांटर, तेल निष्कर्षण इकाइयाँ और छोटे गोदामों पर भी अनुदान दे रही है. ये सभी यंत्र किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चुने गए हैं, ताकि कृषि कार्यों में आधुनिकता लाई जा सके.
यह सब्सिडी कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दी जा रही है, जैसे "सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (SMAM)", "फसल अवशेष प्रबंधन योजना", और अन्य यंत्रीकरण कार्यक्रम. इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना, लागत कम करना और फसल उत्पादन को टिकाऊ और लाभकारी बनाना है.
कृषि में ड्रोन जैसे आधुनिक यंत्रों का उपयोग न केवल मेहनत को कम करेगा बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में भी वृद्धि करेगा. किसानों को अब मौसम की मार या श्रम की कमी से उतनी चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि ड्रोन के ज़रिए वे खेतों को नियंत्रित और सुरक्षित रखने में सक्षम होंगे. यूपी सरकार का यह प्रयास किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
अगर आप खेती में आधुनिक तकनीक अपनाने के इच्छुक हैं, तो यह अवसर आपके लिए बना है. 12 जुलाई 2025 से पहले [www.agridarshan.up.gov.in](http://www.agridarshan.up.gov.in) पर जाकर आवेदन अवश्य करें और कृषि ड्रोन के ज़रिए अपने खेतों को दें एक नई दिशा.
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