कर्नाटक में किसान अब मक्का और सोयाबीन को प्राथमिकता देने लगे हैं. पिछने दिनों आई राज्य कृषि विभाग की एक रिपोर्ट में भी इस बात की जानकारी मिलती है. विभाग की तरफ से जारी किए गए शुरुआती बुवाई के आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक के किसान चालू खरीफ 2025 फसल सीजन में मक्का और सोयाबीन जैसी फसलें लगाने को प्राथमिकता देते दिख रहे हैं. 13 जून तक, खरीफ की बुवाई लगभग 20.42 लाख हेक्टेयर में पूरी हो चुकी है, जो सीजन के लिए लक्षित 82.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लगभग एक चौथाई है. 14 जून तक खरीफ फसल के तहत कुल बोया गया क्षेत्र मामूली रूप से 20.42 लाख हेक्टेयर (20.22 लाख हेक्टेयर) बढ़ा है.
अखबार हिंदू बिजनेसलाइन के अनुसार 13 जून तक मक्का की बुवाई 6.37 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है. यह पिछले साल के 5.68 लाख हेक्टेयर से करीब 12 फीसदी ज्यादा है. राज्य खरीफ 2025 फसल सीजन के लिए मक्का के लिए 15.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य लेकर चल रहा है. कर्नाटक खरीफ मक्का का एक बड़ा उत्पादक है. धान और बाजरा जैसे बाकी अनाज पिछले साल के स्तर से पीछे हैं जबकि ज्वार में मामूली वृद्धि देखी गई है. अनाज के तहत कुल क्षेत्रफल पिछले वर्ष के 6.84 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.43 लाख हेक्टेयर हो गया है.
तिलहनों में सोयाबीन की बुवाई पिछले साल के 1.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.24 लाख हेक्टेयर हो गई है. सूरजमुखी का रकबा भी मामूली वृद्धि के साथ 0.27 लाख हेक्टेयर हो गया है, हालांकि यह अभी भी पिछले वर्ष के रकबे 0.36 लाख हेक्टेयर से कम है. अनाज के तहत कुल क्षेत्रफल पिछले साल इसी समय 6.84 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.43 लाख हेक्टेयर हो गया है. दलहन श्रेणी में, बोया गया क्षेत्र 4.61 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के 4.91 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम है. मूंग के क्षेत्र में पिछले साल के 2.47 लाख हेक्टेयर से मामूली वृद्धि हुई है और यह 2.54 लाख हेक्टेयर हो गया है. हालांकि, अरहर (अरहर) का रकबा 1.65 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.12 लाख हेक्टेयर रह गया है.
नकदी फसलों की अगर बात करें तो कपास की बुआई का रकबा 1.59 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम होकर 1.44 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसी तरह से गन्ने की बुवाई भी 4.22 लाख हेक्टेयर से थोड़ी कम होकर 4.20 लाख हेक्टेयर रह गई है. वहीं तंबाकू का रकबा पिछले साल के 0.71 लाख हेक्टेयर से थोड़ा बढ़कर 0.72 लाख हेक्टेयर हो गया है.
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