मंडियों में नई तुअर दाल की आवक शुरू, पढ़िए इन 3 राज्यों में क्या चल रहा है रेट

मंडियों में नई तुअर दाल की आवक शुरू, पढ़िए इन 3 राज्यों में क्या चल रहा है रेट

देश में दलहन की खरीफ फसल तुअर की कटाई शुरू हो गई है. इसी के साथ कई मंडियों में इसकी आवक भी होने लगी है. 2024-25 सीजन में महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में नई तुअर आने लगी है. ऐसे में आइए जानते हैं इन 3 राज्यों में क्या चल रहा है रेट

तुअर दाल की कीमततुअर दाल की कीमत
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 27, 2024,
  • Updated Nov 27, 2024, 2:01 PM IST

खरीफ में बोई जाने वाली तुअर यानी अरहर की फसल अब जल्द ही कटाई के लिए तैयार है. इस बीच 2024-25 सीजन में महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में नई तुअर आनी शुरू हो गई है. वहीं, अगले कुछ हफ़्तों में पूरी तरह से कटाई शुरू होने की संभावना है. क्योंकि फसल अलग-अलग उत्पादक क्षेत्रों में पकने के अलग-अलग चरणों में है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इन तीनों राज्यों की मंडियों में कितना चल रहा है तुअर का भाव.

नई तुअर का मंडी रेट

इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) की मार्केट अपडेट रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के दुधानी और सोलापुर जैसे बाजारों में नई तुअर की कीमतें 9,300 से 10,600 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जबकि कर्नाटक के कलबुर्गी में यह 10,950 के स्तर पर पहुंच गई है. साथ ही तेलंगाना के नारायणपेठ में, कीमतें 7,550 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुकाबले 10,900-11,251 रुपये के दायरे में हैं.

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पुरानी तुअर का मंडी रेट

पुरानी तुअर की कीमतें बीदर में 8,519 से 8,836 रुपये और कलबुर्गी में 10,000-10,862 रुपये के स्तर पर चल रही हैं, जबकि महाराष्ट्र की अकोला और अमरावती मंडियों में यह 9,500 से 10,400 रुपये के बीच चल रही हैं. चेन्नई में नींबू तुअर की कीमत 9,500 रुपये के आसपास है. भारी मांग की वजह से देसी तुअर की मांग काफी बढ़ गई है. दरअसल, ऋण माफी योजना के कारण देसी तुअर की मांग उच्च स्तर पर है.

"कीमतें नियंत्रण में रहेंगी"

आईग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में आपूर्ति निगमों के पास पर्याप्त स्टॉक नहीं है और मिलों को चलाने के लिए वे नई फसल का इंतजार कर रहे हैं. जब सही नमी के स्तर वाली फसल आएगी, तो मिलर्स इसे खरीद लेंगे. तब कीमतें इस बात पर भी निर्भर करेंगी कि कितनी फसल आती है, लेकिन ऐसा लगता है कि मिलर्स द्वारा खरीद से कीमतें नियंत्रण में रहेंगी.

तुअर के रबके में बढ़ोतरी

कर्नाटक लाल चना उत्पादक संघ के अध्यक्ष बसवराज इंगिन ने कहा कि कलबुर्गी जिले में कई जगहों पर फसल पकने की अवस्था में है, जबकि कुछ इलाकों में कटाई शुरू हो गई है. इस खरीफ फसल सीजन में तुअर का रकबा पिछले साल के 40.74 लाख हेक्टेयर से 14 फीसदी बढ़कर 46.5 लाख हेक्टेयर हो गई है.

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