पश्चिम बंगाल के महादीपुर अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर 6 हजार मीट्रिक टन आलू और प्याज सड़ने की कगार पर पहुंच गया है. एक्सपोर्ट्स का कहना है कि यह स्थिति राज्य सरकार की ओर से अचानक रोक लगाने से पैदा हुई है. इसके चलते बांग्लादेश को निर्यात के लिए प्याज और आलू लेकर पहुंचे 220 से अधिक ट्रक जहां तहां खड़े हो गए हैं. कई दिनों से रोक नहीं हटने एक्सपोर्टर्स परेशान हो गए हैं और स्थानीय प्रशासन को कई चिट्ठियां लिखी हैं पर राहत नहीं मिली है. ऐसे में महादीपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) को चिट्ठी भेजी है. एक्सपोर्टर्स ने किसान तक से बातचीत में कहा कि 27 नवंबर की सुबह तक रोक नहीं हटने की स्थिति में आंदोलन किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल के महादीपुर बंदरगाह से बांग्लादेश के लिए खाद्य पदार्थों का निर्यात किया जाता है. यहां से प्याज और आलू ट्रेडर्स बांग्लादेश को दोनों खाद्य पदार्थ सप्लाई करते हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से राज्य सरकार ने स्थानीय ट्रेडर्स को दोनों खाद्य पदार्थों के निर्यात पर रोक लगा रखी है. राज्य सरकार का कहना है कि स्थानीय बाजार में कीमतों को स्थिर रखने के लिए यह फैसला किया गया है. दूसरी ओर इस रोक से निर्यातक दोनों खाद्य पदार्थों से लदे ट्रकों के मालदा में फंस जाने से परेशान हैं.
महादीपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार के मनमान रवैये के खिलाफ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) दिल्ली को 26 नवंबर को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि प्याज और आलू के निर्यात पर रोक लगाए जाने से मालदा जिले के महादीपुर बंदरगाह को जाने वाले ट्रक जहां तहां फंस गए हैं और उनमें लदे दोनों खाद्य पदार्थों को सड़ने की आशंका बढ़ गई है. एसोसिएशन ने कहा कि LCS/ICP महादीपुर के सभी निर्यातक पश्चिम बंगाल सरकार के अचानक प्रतिबंध लगाने के चलते अत्यधिक प्रभावित हैं.
महादीपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन मालदा के सेक्रेटरी प्रसोनजीत ने विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) से कहा है कि कई निर्यातकों ने बांग्लादेश को निर्यात के संबंध में राज्य सरकार की सुविधा स्लॉट के लिए महादीपुर (सभी भारत बांग्ला सीमा) सीमा पर ट्रक लोड किए हैं और यदि उनके ट्रक को निर्यात करने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होगा और साथ ही सरकार को विदेशी मुद्रा का नुकसान होगा. निर्यातकों के ट्रकों में प्याज और आलू पश्चिम बंगाल के बाहर लोड किए गए थे. इसलिए हमें अन्य राज्यों के प्याज और आलू को निर्यात करने की अनुमति दी जाए.
महादीपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रटरी रिरॉय घोष ने 'किसान तक' से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के मनमाने तरीके से रोक लगाए जाने से भारत-बांग्लादेश सीमा पर आलू और प्याज से भरे ट्रक फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि 25 नवंबर तक प्याज से भरे 91 ट्रक यहां फंसे हुए थे जो आज 26 नवंबर को बढ़कर 120 पहुंच गए हैं. जबकि, आलू के करीब 100 ट्रक फंसे हुए हैं.
रिरॉय घोष ने बताया कि अगर जल्द ही निर्यात पर रोक नहीं हटाई गई तो ट्रंकों फंसा 6 हजार मीट्रिक टन से अधिक आलू और प्याज सड़ने लगेगा. क्योंकि, मौसम विपरीत है और अगर बारिश हो गई तो खुले में खड़े ट्रकों का माल भीगकर बर्बाद हो जाएगा. ऐसे में निर्यातकों को भारी आर्थिक नुकसान का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि हर बीतते दिन के साथ माल के खराब का खतरा बढ़ता जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मालदा के जिला प्रशान को चिट्ठी लिखकर महादीपुर बंदरगाह से निर्यात को खोलने की अपील की है. डीएम से लेकर एसपी तक को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया गया है. राज्य के सुविधा पोर्टल पर भी चिट्ठी लिखकर निर्यातकों ने अपनी समस्या राज्य सरकार के सामने रखी है. महादीपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रटरी ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 27 नवंबर की सुबह तक रोक नहीं हटाई गई तो राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे.
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